आज के समय में नरेंद्र मोदी सरकार को ईडी को लेकर कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है. आरोप लगते हैं कि ईडी को प्रतिशोध की राजनीति के तहत पालतू एजेंसी बना दिया गया है, जिसका उपयोग लोगों को दबाने और परेशान करने के लिए किया जा रहा है. कोर्ट के फैसले भी इस बात को दर्शाते हैं कि मोनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, न ही किसी संपत्ति का कोई हस्तांतरण हुआ है और न ही नए पैसे का कोई मुनाफा हासिल हुआ है.