Surya Arghya: सूर्य को अर्घ्य देने से लौट आते हैं अच्छे दिन, जानें इसकी विधि और नियम

Surya Arghya: ऐसी मान्यताएं हैं कि सूर्य को अर्घ्य देने से बड़े से बड़ा कष्ट दूर हो जाता है. सूर्य अर्घ्य से कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है. लेकिन सूर्य को जल अर्पित करने से पहले उसके नियमों के बारे में जान लेना भी जरूरी होता है.

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Surya Arghya: सूर्य को अर्घ्य देने से लौट आते हैं अच्छे दिन, जानें इसकी विधि और नियम (Photo: Getty Images) Surya Arghya: सूर्य को अर्घ्य देने से लौट आते हैं अच्छे दिन, जानें इसकी विधि और नियम (Photo: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST

Surya Arghya: सनातन धर्म में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए ब्रह्म मुहूर्त से लेकर पर्व-त्योहारों पर सूर्य को अर्घ्य देने की बात कही जाती है. सूर्य का संबंध स्वास्थ्य, पिता और आत्मा से होता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि सूर्य को अर्घ्य देने से बड़े से बड़ा कष्ट दूर हो जाता है. सूर्य अर्घ्य से कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है. लेकिन सूर्य को जल अर्पित करने से पहले उसके नियमों के बारे में जान लेना भी जरूरी है.

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सूर्य मजबूत करने के उपाय
सूर्य को बहुत सारे तरीकों से मजबूत कर सकते हैं. लेकिन अर्घ्य देने से सूर्य हर तरह से अनुकूल हो जाता है. सूर्य को देखते हुए जल चढ़ाने को अर्घ्य देना कहा जाता है. इससे सूर्य के साथ-साथ सभी नौ ग्रह मजबूत हो जाते हैं. मात्र सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन की लगभग हर समस्या का समाधान किया जा सकता है.

सूर्य को अर्घ्य देने की विधि और नियम
आप अर्घ्य नदी में खड़े होकर या घर से दे सकते हैं. उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना सर्वोत्तम होता है. इसके अलावा, नवोदित रहने तक सूर्य को अर्घ्य दिया जा सकता है. जल देने के पूर्व व्यक्ति का स्नान कर लेना जरूरी है. अर्घ्य देते समय अगर सफेद वस्त्र धारण किए जाएं तो सर्वोत्तम परिणाम मिलेंगे. लोटे या मिट्टी के बड़े पात्र से जल देना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

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किन सावधानियों का पालन करें?
सुबह जल्दी से जल्दी अर्घ्य देने पर ही इसका लाभ हो सकता है. सूर्य की रोशनी जब चुभने लगे तब जल देना अनुकूल नहीं होता है. अर्घ्य देने के बाद मंत्र जाप करने से विशेष लाभ होता है. बिना स्नान किए हुए अर्घ्य नहीं देना चाहिए. अगर जल चढ़ाने के बाद इसके छीटें-पैरों पर पड़ते हैं तो इसमें कोई दोष नहीं होता है. जो लोग भी सूर्य को अर्घ्य देते हैं, उन्हें अपने पिता और परिवार का विशेष सम्मान करना चाहिए.

विशेष उद्देश्यों के लिए विशेष अर्घ्य
शिक्षा और एकाग्रता के लिए - जल में नीला रंग मिलाकर अर्घ्य दें
स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए - रोली या लाल चन्दन मिलाकर अर्घ्य दें
शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए - हल्दी मिलाकर अर्घ्य दें
इंटरव्यू में सफलता के लिए - जल में लाल गुड़हल का फूल डालकर अर्घ्य दें
पितर शांति और बाधा के निवारण के लिए - तिल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें
जीवन में सभी हिस्सों से लाभ के लिए - सादा जल अर्पित करें

 

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