Shetala Mata Aarti: शीतला अष्टमी के दिन करें माता शीतला की आरती, हो जाएंगे हर रोग से मुक्त

Shetala Mata Aarti: होली के ठीक 8 दिन बाद शीलता अष्टमी यानी बासोड़ा आता है. चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतलाष्टमी के रूप में मनाते हैं. इस दिन शीतला मां की विशेष पूजा की जाती है. माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है.

Advertisement
शीतला अष्टमी शीतला अष्टमी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

Shetala Mata Aarti: हिंदू धर्म में शीतला माता का विशेष महत्व है और इसी उपलक्ष्य में शीतला अष्टमी का पर्व भी मनाया जाता है. कहते हैं कि जो भी शीतला अष्टमी का पूजन करता है उसे रोगों के संक्रमण से मुक्ति मिल जाती है. इस माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है.  वहीं, इस दिन पूजन के समय माता शीतला की कथा और आरती दोनों पढ़नी चाहिए. 

Advertisement

माता शीतला की आरती

ओम जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। जय शीतला माता...  

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता। जय शीतला माता...

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता। जय शीतला माता...

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता। जय शीतला माता...

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता। जय शीतला माता...

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता। जय शीतला माता...

जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता। जय शीतला माता...

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता। जय शीतला माता...

Advertisement

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता। जय शीतला माता...

शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता,
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता। जय शीतला माता...

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता।
ओम जय शीतला माता...।
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement