Shani Jayanti 2020: चार ग्रहों का साथ बना रहा शनि जयंती को खास, करें ये उपाय

Shani Jayanti 2020: शनि देव को सेवा और कर्म का कारक माना जाता है. आज शनि देव की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन दान-दक्षिणा का भी विशेष महत्व माना जाता है. काशी के ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल 972 वर्षों बाद शनि जयंती पर विशेष संयोग भी बन रहा है. ज्योतिषियों के अनुसार शनि जयंती के दिन चार ग्रह एक ही राशि में रहेंगे.

Advertisement
Shani Jayanti 2020: शनि जयंती पर करें महाउपाय Shani Jayanti 2020: शनि जयंती पर करें महाउपाय

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2020,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

Shani Jayanti 2020: शनि जयंती ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाई जाती है. माना जाता है कि इसी दिन शनि देव का का जन्म हुआ था. इस बार शनि जयंती 22 मई यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन शनि देव के पूजन का विशेष विधान है. मंदगति से चलने की वजह से इन्हें शनैश्चर भी कहा जाता है. काशी के ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल 972 वर्षों बाद शनि जयंती पर विशेष संयोग भी बन रहा है. ज्योतिषियों के अनुसार शनि जयंती के दिन चार ग्रह एक ही राशि में रहेंगे. ज्योतिषाचार्य और काशी विद्वत परिषद् के संगठन मंत्री पंडित दीपक मालवीन ने बताया कि 972 वर्षों बाद 22 मई को शनि जयंती पर चार ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र एक साथ वृष राशि में रहेंगे.

Advertisement

ऐसा ही संयोग सन 1048 में बना था और अब आगे पांच सौ वर्षों बाद होगा. इस विशेष संयोग में शनि देव की अपासना, आराधना और उनकी सामाग्रियों के दान देने से अधिक से अधिक लाभ मिलेगा. शनि देव की जयंती पर पूजा पाठ करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है. जिन लोगों की राशियों में शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है. इस दिन शनि सम्बन्धी उपाय करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है.

ये भी पढ़ें: शनि जयंती पर भूलकर भी न करें ये 10 काम, नाराज होंगे शनिदेव

शनि जयंती पर करें ये महाउपाय

आज के दिन कुछ महाउपाय कर शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है. शनि जयंती की शाम को पश्चिम दिशा की ओर एक दीपक जलायें इसके बाद "ॐ शं अभयहस्ताय नमः" का जप करें और कम से कम 11 माला "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जप करें. पंडित शैलेंद्र पांडेय जी से जानिए शनि जयंती पर राशिनुसार करने वाले महाउपाय.

Advertisement

अधिकतर लोग शनि देव को बुरा मानते हैं क्योंकि शनि देव की की दृष्टि से कार्यों में बाधाएं आती है. शनि जयंती के दिन शुभ मुहूर्त में सुन्दरकाण्ड या हनुमान चालीसा का 21 आवृति पाठ करें. साथ ही साथ काली गाय की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement