कुछ लोग साईं को भगवान कहते हैं तो कुछ अवतार. वहीं कुछ भक्त साईं को फरिश्ता भी मानते हैं. भक्तों के लिए साईं का प्रेम असाधारण और नि:स्वार्थ है. अपने भक्तों को उत्तम ज्ञान और सत्कर्म की ओर ले जाने के लिए साईं ने अनगिनत लीलाएं कीं और उनकी एक-एक लीला अपने आप में संपूर्ण ज्ञान का भंडार है. अगर आपने साईं के वचनों, लीलाओं और संदेशों का सही अर्थ जान लिया तो जीवन के गूढ़ रहस्यों के समझने में आपको तनिक भी कठिनाई नहीं होगी.
साईं बाबा के दिव्य वचन-
जो प्रेमपूर्वक मेरे नाम का स्मरण करेगा, मैं उसकी सारी इच्चाएं पूरी कर दूंगा.
जो मेरे चरित्र और कृत्यों का श्रद्धा से ध्यान करेगा, मैं सदैव उसकी सहायता करूंगा.
निरंतर मेरा ध्यान करने वाले भक्त को मैं निश्चित ही मुक्ति प्रदान करता हूं.
प्रेम और सच्ची श्रद्धा से केवल साईं-साईं का उच्चारण करने से भी मिलेगी कष्टों से मुक्ति.
साईं के इन संदेशों को आदेश समझकर उनका ध्यान कीजिए. फिर आपके कष्टों और मुश्किलों का भार स्वयं साईं नाथ उठाएंगे क्योंकि अपने भक्तों से साईं का प्रेम अनन्य है और केवल साईं ही हैं जो हर हाल में आपका हाथ थामे रखते हैं.
प्रज्ञा बाजपेयी