Karwa Chauth 2023: करवाचौथ पर कल बन रहे हैं ये शुभ संयोग, महिलाएं इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Karwa Chauth 2023: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत किया जाता है. इस साल यह व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत बड़े श्रद्धा भाव से रखती हैं. सुहागिन महिलाएं इस दिन चंद्रमा की पूजा करके अपने पति के सामने इस व्रत को तोड़ती हैं.

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करवा चौथ 2023 करवा चौथ 2023

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

Karwa Chauth 2023: कहते हैं कि इस व्रत के बारे में भगवान कृष्ण ने द्रोपदी को और शिव जी ने माता पार्वती को बताया था. करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. साथ ही कन्याएं भी अच्छे वर के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत परिवार की सुख समृद्धि के लिए भी रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि अगर महिलाएं इस दिन कुछ भी इच्छा मांगें, तो वो पूरी हो जाती है. इस बार करवा चौथ 1 नवंबर, बुधवार को रखा जाएगा. 

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करवा चौथ शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2023 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर, मंगलवार को रात 9 बजकर 30 मिनट पर होगी और इसका समापन 1 नवंबर, बुधवार को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, करवा चौथ का उपवास 1 नवंबर को ही रखा जाएगा. 

करवा चौथ के पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. करवा चौथ का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद होता है जिसका समय 1 नवंबर को रात 8 बजकर 15 मिनट होगा.   

करवा चौथ शुभ योग (Karwa Chauth 2023 Shubh Yog)

सर्वार्थ सिद्धि योग- 1 नवंबर को सुबह 6 बजकर 33 मिनट से लेकर 2 नवंबर को 4 बजकर 36 मिनट तक रहेगा
अमृत काल- 1 नवंबर को रात 7 बजकर 34 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 13 मिनट तक
मृगशिरा नक्षत्र- 1 नवंबर को सुबह 3 बजकर 58 मिनट से लेकर 2 नवंबर को सुबह 4 बजकर 36 मिनट तक

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करवा चौथ की पूजन विधि (Karwa Chauth 2022 Pujan Vidhi) 

सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पूजा घर की सफ़ाई करें. फिर सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें. यह व्रत सूर्य अस्त होने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करके ही खोलना चाहिए और बीच में जल भी नहीं पीना चाहिए. संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें. इसमें 10 से 13 करवे (करवा चौथ के लिए ख़ास मिट्टी के कलश) रखें. पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि थाली में रखें. दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रहना चाहिए, जिससे वह पूरे समय तक जलता रहे. 

चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू की जानी चाहिए. अच्छा हो कि परिवार की सभी महिलाएं साथ पूजा करें. पूजा के दौरान करवा चौथ कथा सुनें या सुनाएं. चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाना चाहिए और साथ ही दर्शन के समय अर्घ्य के साथ चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए. चन्द्र-दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में सजाकर मिष्ठान, फल, मेवे, रुपये आदि देकर उनका आशीर्वाद ले और सास उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दे.

करवा चौथ पर इन बातों का रखें ध्यान (Karwa Chauth Precautions)

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- करवा चौथ की पूजा करने के बाद करवा विवाहित महिलाओं को ही बांट देने चाहिए. 
- निराहार रह कर दिन भर गणेश मंत्र का जाप करना चाहिए. 
- रात्रि में चंद्र देव के उदय होने के बाद परंपरा अनुसार उनको विधिपूर्वक अर्घ्य प्रदान करें. इसके साथ ही गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए.
- ध्यान रखें कि व्रत करने वाले नमक युक्त भोजन से दूर रहें.
- व्रत कम से कम 12 या 16 साल तक करना चाहिए. इसके बाद उद्यापन कर सकते हैं. 

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