Shree Hanuman Aarti: मंगलवार और शनिवार को पढ़ें हनुमान जी की आरती, जीवन में पाएंगे सभी समस्याओं से मुक्ति

Shree Hanuman Aarti: बजरंगबली की पूजा के लिए मंगलवार का दिन समर्पित है. इस विशेष दिन रामभक्त की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है. कहते हैं मंगलवार के दिन हनुमान जी कृपा पाने के लिए उनकी आरती भी करनी चाहिए.

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हनुमान जी की आरती हनुमान जी की आरती

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

Shree Hanuman Aarti: सनातन धर्म में हनुमान जी को सबसे बलशाली और बुद्धिमान देवता के रूप में पूजा जाता है. हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना जीवन में व्याप्त दुखों से मुक्ति पाने के लिए करते हैं. उनकी महिमा का वर्णन हनुमान चालीसा में भी किया गया है. हनुमान जी की पूजा के दौरान हनुमान आरती का विशेष महत्व है. सप्ताह में हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे खास माना जाता है.  तो आइए जानते हैं हनुमान आरती के बारे में. 

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हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुधि लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

पैठी पाताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे।
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संत जन तारे।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। 

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सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

मंगलवार पूजन विधि

मंगलवार को प्रातःकाल स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें. हनुमान जी की उपासना करें और व्रत का संकल्प लें. फिर मंगल के मंत्र का जाप करें. इसके बाद संध्याकाळ में हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें. हनुमान जी की आरती उतारें. खान-पान में केवल मीठी चीजों का सेवन करें और नमक से परहेज करें.

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