Hanuman Chalisa: क्या है हनुमान चालीसा और इसका महत्व? जानें नियम, सावधानी और प्रयोग विधि

Hanuman chalisa: हनुमान चालीसा इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसमें चालीस लाइन होती हैं. सरल भाषा में लिखा होने के कारण इसको आसानी से पढ़ा जा सकता है. इसलिए यह जनता में काफी लोकप्रिय हुआ. चालीसा में हर लाइन का अलग महत्व होता है और उनका विशेष समस्याओं में विशेष प्रयोग होता है.

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Hanuman Chalisa: क्या है हनुमान चालीसा और इसका महत्व? जानें नियम, सावधानी और प्रयोग विधि Hanuman Chalisa: क्या है हनुमान चालीसा और इसका महत्व? जानें नियम, सावधानी और प्रयोग विधि

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

Hanuman Chalisa: भक्त द्वारा अपने भगवान या ईष्ट को प्रसन्न करने करने और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए सरल भाषा में की गयी प्रार्थना चालीसा कही जाती है. इसको चालीसा इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसमें चालीस लाइन होती हैं. सरल भाषा में लिखा होने के कारण इसको आसानी से पढ़ा जा सकता है. इसलिए यह जनता में काफी लोकप्रिय हुई. चालीसा में हर लाइन का अलग महत्व होता है और उनका विशेष समस्याओं में विशेष प्रयोग होता है. 

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क्या है हनुमान चालीसा की प्रयोग विधि?
हनुमान जी और उनके ईष्ट श्रीराम के चित्र की स्थापना करें. इसके बाद उनके समक्ष जल से भरा पत्र रखें. 3 से लेकर 108 बार तक चालीसा का पाठ किया जा सकता है. पाठ के बाद उस जल को प्रसाद की तरह ग्रहण करें. प्रयास करें कि चालीसा पाठ का समय रोज एक ही हो. विशेष दशाओं में यात्रा और सोते समय भी चालीसा का पाठ कर सकते हैं. हनुमान चालीसा की पंक्तियों को मंत्र की तरह जपकर भी प्रयोग किया जा सकता है.

नियम और सावधानियां
हनुमान चालीसा में से किसी भी एक पंक्ति का चुनाव अपनी आवश्यकता के अनुसार करें. नित्य प्रातः तुलसी की माला पर मंत्र की तरह 3 से लेकर 11 माला तक जाप करें. जितने समय तक यह प्रयोग किया जाए खान-पान और आचरण की शुद्धता पर ध्यान दिया जाए. अगर आप चाहें तो पीले कागज पर पंक्ति लिखकर अपने पास रख सकते हैं.

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हनुमान चालीसा की चमत्कारी पंक्तियां

विद्या बुद्धि और एकाग्रता बढ़ाने के लिए
"बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरौ पवनकुमार
बल बुधि विद्या देहि मोहि,हरहु कलेस विकार " 

स्वास्थ्य की बाधाओं से बचने के लिए
"लाय संजीवन लखन जियाय, श्री रघुवीर हरसी उर लाय"

रिश्तों और संबंधों की मजबूती के लिए
"रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई,तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई"

दुर्घटनाओं, क्रोध और स्वास्थ्य की समस्याओं से बचने के लिए
"नासै रोग हरे सब पीरा,जपत निरंतर हनुमत वीरा"

जब सारे रास्ते बंद हो जायें और समस्या काफी गंभीर हो जाय
"दुर्गम काज जगत के जेते,सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते"

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