जानिए, गणेश जी ने अपना वाहन चूहे को ही क्यों चुना?

गणेश जी ने अपना वाहन मूषक यानी एक चूहे को चुना था. आइए जानते हैं इसकी क्या वजह और महत्व है.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

गणेश जी को बुद्धि और तीव्र समझ वाला देवता माना जाता है. चूहा भी ऐसा ही तीव्र बुद्धि वाला प्राणी है, साथ ही यह अत्यंत चंचल भी है, गणेश जी इस बुद्धि और चंचल मन को नियंत्रित करते हैं. कथाओं के अनुसार गजमुखासुर को गणेश जी ने चूहे के रूप में अपना वाहन बना रखा है. कुछ मान्यताएं कहती हैं कि एक गंधर्व शाप के कारण पहले मूषक बना फिर गणेश जी का वाहन बन गया. गणेश जी की उपासना बिना मूषक के करने पर मनोकामनाएं पूरी नहीं होती हैं.

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संतान की प्राप्ति के लिए

- गणेश महोत्सव में किसी भी दिन भगवान गणेश को मिट्टी का चूहा चढ़ाएं.

- या चांदी का चूहा भी चढ़ा सकते हैं.

- चढ़ाने के बाद , संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें.

- इस चूहे को प्रसाद स्वरूप अपने शयन कक्ष में रखें. 

- संतान की प्राप्ति सरल होगी. 

मनोकामना की पूर्ति के लिए

- पीले वस्त्र पहन कर गणेश जी के मंदिर में जाएं. 

- उन्हें दूर्वा और मोदक अर्पित करें. 

- गणेश जी के चूहे के कान में अपनी मनोकामना कहें.

- आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी. 

धन की प्राप्ति के लिए

- एक चांदी का चूहा बनवाएं.

- इसे भगवान गणेश को अर्पित करें. 

- इसके बाद इसी चूहे को पीले वस्त्र में लपेट कर धन के स्थान पर रखें. 

- आपकी धन संबंधी समस्याएं दूर होंगी.

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