जानें, क्या है बुध का महत्व और क्या है इसकी विशेषता?

बुध ग्रह के राशि परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा, जानिए.

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बुध ग्रह बुध ग्रह

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

ग्रहों में सबसे सुकुमार और सुन्दर ग्रह है, इसको युवराज ग्रह भी कहा जाता है. इसके पास पृथ्वी तत्व है और यह कन्या और मिथुन राशि का स्वामी है. बुध, बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य तथा सुगंध का कारक होता है. बुध संचार और कान नाक गले से भी सम्बन्ध रखता है. बुद्ध से बुद्धि की प्रखरता आती है तथा गणित में सफलता मिलती है. बिना बुध के बुद्धि का होना लगभग असंभव है. बुध सीधे तौर से आर्थिक स्थति और लाभ हानि को प्रभावित करता है.

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बुध के साथ किस तरह का परिवर्तन हुआ है?

- बुध पिछले दिनों तक सिंह राशि में थे

- अब बुध आज तड़के सुबह कन्या राशि में जा चुके हैं

- पिछले दिनों बुध की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी

- जिसके कारण लोगों की समस्याएं बढ़ गयी थीं

- स्वास्थ्य और आर्थिक मामलों की मुश्किलें सामने आ रही थीं

- पर अब बुध अपनी सबसे मजबूत स्थिति में रहेंगे

बुध के राशि परिवर्तन का किनके ऊपर प्रभाव पड़ेगा ?

-  बुध के राशि परिवर्तन का प्रभाव लगभग हर राशि पर पड़ेगा

- जिनके लिए बुध ज्यादा महत्वपूर्ण है

- ऐसे लोग सीधे तौर से प्रभावित होंगे

- जिनका बुध मजबूत है, उन्हें विशेष लाभ होगा

- जिनका बुध ख़राब या कमजोर है, उन्हें भी राहत मिलेगी

- रुके हुए काम पूरे होने लगेंगे

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- मानसिक चिंताएं कम होंगी

- आर्थिक रूप से धीरे धीरे सुधार होना शुरू हो जायेगा

अलग अलग राशियों पर इस राशि परिवर्तन का क्या प्रभाव होगा ?

- मेष - करियर में सफलता

- वृष - संतान की उन्नति, शिक्षा में लाभ

- मिथुन - संपत्ति और धन लाभ के योग

- कर्क - करियर में सुधार, यात्राओं की संभावना

- सिंह - धन का लाभ, परिवार में खुशहाली

- कन्या - मुश्किलें कम होंगी, आनंद बढ़ेगा

- तुला - तनाव कम होगा, विदेश यात्रा के योग

- वृश्चिक - आर्थिक समस्याएं सुलझेंगी, अपयश से बचाव होगा

- धनु - करियर में सम्मान, विवाह तय हो सकता है

- मकर - भाग्य साथ देगा, पद का लाभ होगा

- कुम्भ - सेहत में सुधार, पद प्रतिष्ठा का लाभ

- मीन - कारोबार में सफलता, विवाह के सुन्दर योग

बुध के इस राशि परिवर्तन का अधिक से अधिक लाभ कैसे लें ?

- नित्य प्रातः स्नान करें, सूर्य को जल अर्पित करें

- हलकी सुगंध अवश्य लगाएं

- हलके हरे या नीले रंग का प्रयोग करें

- भगवान विष्णु की उपासना करें

- जहाँ तक सम्भव हो प्रातःकाल मंत्रोच्चार करें

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