अधिकमास में करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ

भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता हैं , और इनकी पूजा उपासना से जीवन का निर्वाह सहज हो जाता है. भगवान् विष्णु की उपासना के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी होता है. इससे श्री हरि की कृपा से सारे काम आसानी से बनने लगते हैं. इसमें भगवान् के सहस्त्र नामों का उल्लेख है. इसके अद्भुत श्लोक हर ग्रह और हर नक्षत्र को नियंत्रित कर सकते हैं परन्तु बृहस्पति की पीड़ा को दूर करने के लिए इसका पाठ अमोघ होता है. अधिक मास में इसका पाठ विशेष फलदायी होता है. इससे हर तरह की मनोकामना पूरी की जा सकती है.

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अधिकमास में विष्णु की उपासना अधिकमास में विष्णु की उपासना

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2018,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता हैं , और इनकी पूजा उपासना से जीवन का निर्वाह सहज हो जाता है. भगवान विष्णु की उपासना के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी होता है. इससे श्री हरि की कृपा से सारे काम आसानी से बनने लगते हैं. इसमें भगवान् के सहस्त्र नामों का उल्लेख है. इसके अद्भुत श्लोक हर ग्रह और हर नक्षत्र को नियंत्रित कर सकते हैं परन्तु बृहस्पति की पीड़ा को दूर करने के लिए इसका पाठ अमोघ होता है. अधिक मास में इसका पाठ विशेष फलदायी होता है. इससे हर तरह की मनोकामना पूरी की जा सकती है.

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विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कब जरूर करना चाहिए?

-अगर कुंडली में बृहस्पति नीच राशि में हो या अत्यधिक कमजोर हो

-जब कुंडली में बृहस्पति ६,८,या १२ वे भाव से भ्रमण कर रहा हो

-जब कुंडली में बृहस्पति के कारण पेट या लिवर की समस्या हो

-जब संतान उत्पत्ति में या वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो

-जब अधिक मास चल रहा हो

कैसे करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ?

-नित्य प्रातः इसका पाठ करें , और पाठ के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें

-पीले वस्त्र धारण करें , तथा चने और गुड या पीली मिठाई का भोग लगायें

-बृहस्पतिवार शाम को नमक का सेवन न करें

-जितने भी दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें , सात्विक वैष्णव भोजन ग्रहण करें

-अगर संस्कृत भाषा में पाठ कठिन हो तो हिंदी में भी भगवान के नामों का जाप किया जा सकता है

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