जानें, क्या है संकष्टी चतुर्थी का महत्व और पूजन विधि

संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. आइए जानते हैं समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी पर किस विधि से पूजन करना चाहिए.

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संकष्टी चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:19 AM IST

संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्योहार है. हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य देवी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है. इन्हें बुद्धि बल और विवेक का देवता माना जाता है. इसलिए भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को दूर करते हैं. इसी कारण से संकष्टी चतुर्थी का व्रत काफी प्रचलित है. संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है संकटों को हराने वाली चतुर्थी. यही चतुर्थी हर कष्ट को खत्म करने वाली होती है.

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कब आती है संकष्टी चतुर्थी-

संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणपति की आराधना करके विशेष वरदान प्राप्त किया जा सकता है और सेहत की समस्या को भी हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है. इसलिए संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना हर तरीके से लाभप्रद होता है और भगवान गणेश की कृपा भी प्राप्त होती है.

संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें पूजन-

भगवान गणपति में आस्था रखने वाले लोग संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करके मनचाहे फल की कामना करते हैं-

- संकष्टी चतुर्थी पर आप सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं.

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- स्नान करके साफ हल्के लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें.

- भगवान गणपति के चित्र को लाल रंग का कपड़ा बिछाकर रखें.

- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें.

- भगवान गणपति के सामने दीया जलाएं और लाल गुलाब के फूलों से भगवान गणपति को सजाएं.

- पूजा में तिल के लड्डू गुड़ रोली, मोली, चावल, फूल तांबे के लौटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रखें.

- भगवान गणपति के सामने धूप दीप जलाकर निम्न मंत्र पढ़ें. यह मंत्र कम से कम 27 बार जरूर पढ़ें. इससे नौकरी व्यापार आदि में लाभ जरूर होगा. मंत्र होगा-

गजाननं भूतगणादि सेवितं ,कपिथ जंबू फलम चारू भक्षणम |

उमासुतं शोक विनाशकारकम, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम

संकष्टी चतुर्थी पर रुके हुए धन को प्राप्त करने का उपाय-

- भगवान गणपति के पीले रंग की मूर्ति को स्थापित करें.

- हर रोज पीले मोदक चढ़ाएं.

- पीले आसन पर बैठकर ॐ हेरम्बाय नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें.

- यह प्रयोग लगातार 27 दिन तक करें.

- रुका हुआ पैसा आपको जरूर प्राप्त होगा.

संकष्टी चतुर्थी पर पाए मनचाहा वरदान पाने के उपाय-

संकष्टी चतुर्थी के दिन से 27 हरी दूर्वा की पत्तियां एक कलावे से बांधकर प्रतिदिन गणेश जी को चढ़ाएं. ऐसा लगातार 11 दिन तक करें. मनचाहा वरदान अवश्य मिलेगा और भगवान गणपति के किसी भी स्तोत्र को अवश्य पढ़ें.

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