रवि प्रदोष व्रत करते समय बरतें ये सावधानियां

शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव की महा कृपा पाने का दिन है. जानिए, रवि प्रदोष व्रत करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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रवि प्रदोष व्रत रवि प्रदोष व्रत

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 7:37 AM IST

शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव की महा कृपा पाने का दिन है. जो प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ता है उसे रवि प्रदोष कहते हैं. रवि प्रदोष व्रत करके कोई भी भक्त अपने मन की इच्छा को बहुत जल्द पूरा कर सकता है. हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. रवि प्रदोष का व्रत करके जीवन के समस्त रोग दोष शोक कलह क्लेश हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं. इस व्रत को करने से हृदय रोग, आखों के रोग, सरकारी विभाग की अड़चने, पिता का स्वास्थ्य, दाम्पत्य जीवन के कलह आदि को बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है.  

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रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा से होंगे रोग दूर-

-  रवि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें.

- नहा धोकर साफ हल्के सफेद या गुलाबी कपड़े पहनें.  

- सूर्य नारायण जी को तांबे के लोटे से जल में शक्कर डालकर अर्घ्य दें और अपने रोगों को खत्म करने की प्रार्थना सूर्य देव से करें.

- सारा दिन भगवान शिव के मन्त्र ॐ नमः शिवाय मन ही मन जाप करते रहें और निराहार रहें. साथ ही जल का सेवन ज्यादा करें.

- शाम के समय प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत (दूध दही घी शहद और शक्कर) से स्न्नान कराएं. उसके बाद शुद्ध जल से स्न्नान कराकर रोली मौली चावल धूप दीप से पूजन करें.

- साबुत चावल की खीर और फल भगवान शिव को अर्पण करें.

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- वहीं आसन पर बैठकर नमः शिवाय मन्त्र 108 बार जपें और शिवपंचाक्षरी स्तोत्र का 5 बार पाठ करें और अपने रोगों को दूर करने की भोलेनाथ से प्रार्थना करें.

रवि प्रदोष के व्रत में कुछ रखें सावधानियां और नियम-

- घर में और घर के मंदिर में साफ सफाई का ध्यान रखें.

- साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही भगवान शिव और सूर्य की पूजा करें.

-  सारे व्रत विधान में मन में किसी तरीके का गलत विचार ना आने दें.

- अपने गुरु और पिता के साथ सम्मान पूर्वक बात करें.

- सारे व्रत विधान में अपने आप को भगवान शिव को समर्पण कर दें और जल का सेवन ज्यादा करें.

रवि प्रदोष पर करें भगवान शिव और सूर्य को प्रसन्न-

- यदि सूर्य के कारण आपके दाम्पत्य जीवन मे खटास आ गयी है तो 11 लाल गुलाब  के फूलों को लाल धागे में पिरोएं और पति-पत्नी मिलकर शाम के समय भगवान शिव को नमः शिवाय 27 बार बोलकर अर्पण करें. ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी.

- जिन लोगों के सरकारी नौकरी में दिक्कत आ रही हो वह रवि प्रदोष के दिन शाम के समय भगवान शिव को जल में कच्चा दूध मिलाकर स्नान कराएं और देसी घी का दीया जलाएं. इससे सरकारी नौकरी की चिंता परेशानी बहुत जल्द खत्म होगी.

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- जिस किसी को भी सूर्य से संबंधित कोई रोग हो जैसे हृदय रोग, नेत्र रोग, हड्डियों की बीमारियां आदि तो वह सफेद चंदन में गंगाजल मिलाकर इसका लेप रवि प्रदोष के दिन शाम के समय भगवान शिव पर करें. 

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