क्या होता है जब राहु-केतु के साथ बनता है मंगल का संयोग?

ज्योतिष की मानें तो राहु और केतु के साथ मंगल का संबंध बड़ी घटनाओं का कारण बनता है. इस विचित्र योग से आपको सावधान रहने की जरूरत है.

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मगंल ग्रह का दूसरे ग्रहों के साथ संबंध मगंल ग्रह का दूसरे ग्रहों के साथ संबंध

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

मंगल ग्रह के साथ दूसरे ग्रहों का संबंध लोगों की जिंदगी में अहम भूमिका निभाता है. जब ग्रहों का शुभ संयोग बनता है तो मंगल बड़ा पद, प्रतिष्ठा और अपार संपदा देता है लेकिन जब यही मंगल दूसरे ग्रहों के साथ अशुभ योग बनाता है तो जिंदगी में बेवजह तनाव और परेशानियां बढ़ने लगती हैं.

ज्योतिष की मानें तो राहु और केतु के साथ मंगल का संबंध बड़ी घटनाओं का कारण बनता है. लाल ग्रह से राहु-केतु का संबंध कई बार जानलेवा भी हो सकता है. अगर आपकी कुंडली का मंगल राहु या केतु के साथ मिलकर कोई विचित्र योग बना रहा है तो आपको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि आपके जीवन में बहुत जल्द कुछ बहुत बड़ा घटने वाला है.

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मंगल और राहु के संबंध का प्रभाव

- इस संबंध को अंगारक योग कहते हैं जो आमतौर पर नकारात्मक ही होता है.

- ये संबंध हवाई यात्रा, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसोई से जुड़ी दुर्घटनाओं  का योग बनाता है.

- अगर कुंडली में ये योग हो तो मंगलवार को कालभैरव की उपासना करें.

मंगल और केतु  के संबंध का प्रभाव

- इस संबंध को पराक्रम योग कहते हैं.

- मंगल और केतु का संबंध व्यक्ति को बहुत पराक्रमी और साहसी बनाता है.

- बड़े-बड़े योद्धाओं और शूरवीरों की कुंडली में यह योग पाया जाता है.

- अगर इसमें शनि का साथ हो तो व्यक्ति शौर्य दिखाते हुए वीरगति को प्राप्त होता है.

- कुंडली में ये योग हो तो तांबे में हनुमान चालीसा भरकर धारण करें.

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