खगोलविज्ञान और ज्योतिष दोनों में ही चंद्रग्रहण एक खास घटना है हालांकि ग्रहण को लेकर कई तरह के मिथक भी प्रचलित हैं. लोगों के मन में आज भी यह एक डर है कि चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखने पर नुकसान हो सकता है. आंखों की रोशनी कम हो सकती हैं या फिर पूरी तरह से खराब हो सकती है. 27 जुलाई 2018 को इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण पड़ रहा है जिसे देखने को लेकर कई लोगों के मन में उत्सुकता भी है और डर भी.
मिड नॉर्थ कोस्ट एस्ट्रोनॉमी के डेविड रेनेके का कहना है कि यह एक खूबसूरत आकाशीय घटना होगी और इसे किसी को भी मिस नहीं करना चाहिए. उन्होंने बताया, चंद्रग्रहण सूर्य ग्रहण से अलग है और इसे नंगी आंखों से देखना बिल्कुल सुरक्षित होता है. इसे देखने के लिए किसी भी तरह के प्रोटेक्टिव फिल्टर्स की भी जरूरत नहीं पड़ती है, इसे देखने के लिए सिर्फ और सिर्फ आपको अपनी दो आंखों का इस्तेमाल करना होगा लेकिन किसी भी तरह के चमकीले प्रकाश को देखने से बचें.
आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के दौरान सोलर रेडिएशन से आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते है, जिस वजह से देखने में दिक्कत हो सकती है. इसे रेटिनल सनबर्न भी कहते हैं. ये परेशानी कुछ वक्त या फिर हमेशा के लिए भी हो सकती है. लेकिन चंद्र ग्रहण के दौरान ऐसा नहीं होता. इस दिन चांद को खुली आंखों से देखने से कोई नुकसान नहीं होता. आप चाहे तो खुले मैदान या फिर पास के किसी पार्क में जाकर चांद का दीदार कर सकते हैं.
प्रज्ञा बाजपेयी