दूसरों की बुराई करने से आप पर पड़ता है ये प्रभाव

कुंडली में चतुर्थ, सप्तम भाव और चन्द्रमा की स्थिति से आप मन का भाव जान सकते हैं. ये भी जान सकते हैं कि व्यक्ति दूसरों की बुराई करता है अथवा नहीं.

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इन आदतों का है ग्रहों से संबंध इन आदतों का है ग्रहों से संबंध

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

कुंडली में चतुर्थ, सप्तम भाव और चन्द्रमा की स्थिति से आप मन का भाव जान सकते हैं. ये भी जान सकते हैं कि व्यक्ति दूसरों की बुराई करता है अथवा नहीं. अगर चतुर्थ भाव या चन्द्रमा खराब हो और उसको मंगल अथवा शनि का साथ मिल जाए तो दूसरों की बुराई के साथ साथ उनको नुकसान पहुंचाने का भाव भी आ जाता है. हाथ में अंगूठा अगर छोटा हो तो भी बुराई और नुकसान पहुंचाने का भाव आता है.

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क्या समस्या होती है अगर हम दूसरों की बुराई लगातार करते हैं?

- इससे धन और परिवार का सुख समाप्त होता है

- इससे कुंडली का बृहस्पति कमजोर होता है, अतः अपयश के योग बन जाते हैं.

- अगर संतान बाधा है तो यह बाधा और भी मजबूत होकर सामने आ जाती है.

- उस व्यक्ति के मन में हमारे लिए भी शत्रु भाव पैदा होने लगता है

क्या होता है अगर हम जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं?

- जीवन में आकस्मिक रूप से धन कि बड़ी हानि हो सकती है .

- जिस प्रकार से दूसरों को परेशान करना चाहते हैं , उसी प्रकार से खुद परेशान हो सकते हैं

- चलते चलते जीवन एकदम से रुक सकता है , और जीवन में बड़े अपयश मिल सकते हैं.

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- आम तौर पर ऐसी दशा में संपत्ति का नाश भी होता हुआ दिखता है .

- संतान अपने हाथों से निकल जाती है , और संतान पक्ष से कष्ट की सम्भावना बन जाती है .

इन बुराइयों से मुख्य रूप से कौन कौन से ग्रह प्रभावित होते हैं?

- इससे राहु और शनि मजबूत होते हैं , जो संघर्ष बढ़ा सकते हैं

- इससे बृहस्पति और शुक्र कमजोर होते हैं

- और सबसे ज्यादा इससे सूर्य बुरी तरह ख़राब हो जाता है

- ऐसी आदतों से हथेलियों का रंग भी कालेपन की ओर जाने लगता है

अगर हम दूसरों की बुराई करने की खुद की आदत से परेशान हैं तो क्या उपाय करें?

-नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें

- वहीँ पर बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करें

- पीले रंग का अधिक से अधिक प्रयोग करें

- प्रयास करें कि तामसिक भोजन , विशेषकर मदिरा का सेवन न करें

- जब भी ऐसा भाव आये , गायत्री मंत्र का जाप करें

अगर कोई दूसरा हमारी बुराई करता हो और हमें नुकसान पहुंचाना चाहता हो?

- घर से हमेशा हनुमान जी को प्रणाम करके निकलें

- जिसके बारे में ऐसी जानकारी हो , उसके संपर्क से बचें

- हर सोमवार को प्रातः शिव जी को सुगंध और जल अर्पित करें

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- और हर शनिवार को पीपल के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जलाएँ.

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