बसंत पंचमी पर प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे लाखों श्रद्धालु

6 जनवरी से शुरू हुआ माघ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है, जिसकी विशेषता 'कल्पवास' है. श्रद्धालु यहां एक महीने तक रहकर स्नान, दान, जप, सत्संग करते हैं. इसके लिए गंगा किनारे अस्थायी टेंट बनाए गए हैं.

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प्रयागराज में डुबकी लगाते श्रद्धालु प्रयागराज में डुबकी लगाते श्रद्धालु

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 26 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST

माघ मेले में बसंत पंचमी का स्नान पर्व आज लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. हालांकि इस मेले के दौरान क्षेत्र में तेज बारिश शुरू हो गई जिसने श्रद्धालुओं की मुसीबत बढ़ गई है. इस बारिश से बचने के लिए लोग छाता और पन्नियां ओढ़कर निकल रहे हैं. इसकी कई तस्वीरें भी सामने आई हैं.

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गौरतलब है कि 6 जनवरी से शुरू हुआ माघ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है, जिसकी विशेषता 'कल्पवास' है. श्रद्धालु यहां एक महीने तक रहकर स्नान, दान, जप, सत्संग करते हैं. इसके लिए गंगा किनारे अस्थायी टेंट बनाए गए हैं. 20-27 जनवरी तक बसों के संचालन पर मुख्य फोकस प्रयागराज के निकटवर्ती तीर्थ स्थलों के लिए भी 80 बसों का इंतजाम किया गया है. 20 जनवरी से 27 जनवरी तक संचालन पर मुख्य फोकस है.

बस अड्डे और तहसील से डायरेक्ट माघ मेले के लिए ये बसें चलाई जा रही हैं. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार के मुताबिक, माघ मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए रोडवेज बसों का इंतजाम कर लिया गया है और सभी को निर्देश दे दिया गया है कि माघ मेले स्नान के लिए खासतौर पर ये बसें चलाई जाएंगी.

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माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है. इसी उपासना के पर्व को बसंत पंचमी कहते हैं. साल के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसे 'अबूझ मुहूर्त' भी कहा जाता है. इसमें विवाह, भवन निर्माण समेत कई शुभ कार्य किए जा सकते हैं. इस शुभ तिथि पर ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी लिया जा सकता है. इस बार बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी यानी कल मनाया जाएगा.  

 

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