विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से मशहूर आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र यानी चाणक्य नीति में जीवन में आने वाली कठिनाइयों से बचने के उपायों का वर्णन किया है. वो एक श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि अगर मनुष्य 5 चीजों के इस्तेमाल में चूक कर दे तो उसका जीवन भी नष्ट हो सकता है. आइए जानते हैं उन 5 चीजों के बारे में...
धर्म धनं च धान्यं च गुरोर्वचनमौषधम्।
सुगृहीतं च कत्र्तव्यमन्यथा तु न जीवति।।> चाणक्य कहते हैं कि अगर धार्मिक कार्यों में चूक हो जाए तो उसका फल निरर्थक हो जाता है. कई बार मनुष्य को बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ जाता है. वहीं, कभी-कभी समाजिक आक्रोश भी मनुष्य की जान ले लेता है.
> अगर दवा का इस्तेमाल ठीक से न किया जाए तो प्राण देने वाली औषधि ही प्राण ले लेती है. चाणक्य के मुताबिक बीमारी में सही औषधि के इस्तेमाल की जानकारी का होना अनिवार्य है, ऐसा नहीं होने पर जान जाने का खतरा होता है.
> धन के सही इस्तेमाल की जानकारी न हो तो मनुष्य बर्बाद हो जाता है. इसलिए व्यक्ति को अपनी कमाई और खर्च के बारे में पता होना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर व्यक्ति गरीब हो सकता है. उसका जीवन कष्टमय हो सकता है.
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> अन्न का अत्यधिक उपभोग दरिद्रता और निर्धनता को जन्म देता है. ज्यादा अन्न ग्रहण करने वाला व्यक्ति एक समय के बाद बर्बाद हो जाता है.
> गुरु के आदेश का ठीक से पालन न करने से अनेक कष्ट भोगने पड़ते हैं. यही कारण है कि चाणक्य धर्म, दवा, धन, अन्न और गुरु के आदेश का सावधानीपूर्वक पालन करने की बात कहते हैं. ऐसा नहीं करने वाले के सामने मौत का संकट खड़ा हो जाता है.
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