खुशहाल जीवन के लिए एक अच्छे घर का होना अत्यंत आवश्यक है. लेकिन सवाल उठता है कि घर कहां बनाएं या कैसी जगह पर खरीदें कि जीवन में खुशियां बनी रहें. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हम अपने जीवन की सबसे बड़ी कमाई घर के निर्माण में लगा देते हैं. ऐसे में अगर घर खराब जगह हो तो सुख प्राप्त नहीं हो सकता. वेद और शास्त्रों के ज्ञानी रहे आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में इस बात का उल्लेख किया है कि मनुष्य को कैसी जगह पर घर बनाना चाहिए...
धनिक: श्रोतियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने घर बनाने या खरीदने के समय 5 बातों का ध्यान रखने को कहा है.
> आचार्य चाणक्य के मुताबिक हमें ऐसी जगह पर घर बनाना या खरीदना चाहिए जहां पड़ोसी धनवान हो. क्योंकि धनवान व्यक्ति के रहने की जगह पर व्यवसायिक स्थिति सकारात्मक होती है. ऐसे में अगर वहां रोजगार की संभावना होगी तो दिक्कत की संभावना नहीं होती.
> विद्वान पड़ोसी का होना भी सुखी जीवन प्रदान करता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमानी लोगों का पड़ृोसी बनना सुखद होता है. क्योंकि उनका आचरण मूर्खों के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर होता है और आपके बच्चों की परवरिश भी सही तरीके से होती है.
> अच्छी शासकीय व्यवस्था यानी सरकार की ओर से अच्छी व्यवस्था वाली जगह पर घर का होना अच्छा होता है. यह जगह ऐसी हो जहां आपकी पहुंच आसानी से शासकीय व्यवस्था तक हो और जरूरत पड़ने पर आप तुरंत सुरक्षा के लिए वहां पहुंच सकें.
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> पानी की समस्या आज के समय में काफी विकराल रूप ले चुकी है लेकिन चाणक्य ने उसी समय कह दिया था कि घर ऐसे जगह पर होना चाहिए जहां पानी व्यवस्था दुरुस्त हो, यानी आसानी से पानी की उपलब्धता हो.
Chanakya Niti: मनुष्य के जीवन में सिर्फ एक ही बार होती हैं ये 4 चीजें> घर लेते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वो जगह अस्पताल के करीब हो. चाणक्य के मुताबिक घर ऐसे जगह पर होना चाहिए जहां बीमार होने पर तुरंत स्वास्थ्य सेवा का लाभ ले सकें.
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