शरीर में बहते हुए खून से नलियों में जो दबाव पड़ता है उसे रक्तचाप कहा जाता है. जब रक्त का बहाव तेज हो तो इसे उच्च रक्तचाप कहते हैं. निम्न रक्तचाप में रक्त का बहाव काफी कम हो जाता है. रक्तचाप से तमाम तरह की समस्याएं हो जाती हैं. रक्त का स्वामी मंगल है और दबाव का चन्द्रमा इसलिए रक्तचाप में चन्द्रमा और मंगल दोनों बड़ी भूमिका निभाते हैं. बृहस्पति के कारण नलिकाओं में वसा जमा हो जाता है और इससे भी रक्तचाप प्रभावित होता है. सूर्य के कारण ह्रदय की पम्पिंग और उससे रक्तचाप प्रभावित होता है. खान पान और ग्रहों को नियंत्रित करके काफी हद तक रक्तचाप से बचा जा सकता है.
कब होता है निम्न रक्तचाप?
- चन्द्रमा के कमजोर होने से
- सूर्य या शुक्र के कमजोर होने पर
- जन्म तारीख का सम्बन्ध 02 अथवा 06 से होने पर
- हथेलियों में चन्द्र पर्वत पर कालिमा या दाग धब्बे होने पर
- अगर घर में सीलन या अँधेरा ज्यादा होने
क्या है निम्न रक्तचाप से बचने का उपाय?
- नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें
- "ॐ भास्कराय नमः" का जाप करें
- मोती या ओपल धारण न करें
- दिन में नमक चीनी पानी का घोल तीन या चार बार पीयें
- ढेर सारे रसदार फल खाएं
कब होता है उच्च रक्तचाप?
- मंगल के ज्यादा मजबूत होने से
- चन्द्रमा के ख़राब होने पर
- कुंडली में अग्नि तत्व की मात्रा ज्यादा होने पर
- अगर राहु का सम्बन्ध केंद्र स्थानों से हो
- जन्म की तारिख का सम्बन्ध 04 / 08 या 09 से होने पर
क्या है उच्च रक्तचाप से बचने का उपाय?
- भोजन में नमक और तेल का प्रयोग कम से कम करें
- एक बार में ढेर सारा खाना न खाएं
- सूर्योदय के पूर्व उठें और रात में जल्दी सो जाएँ
- हरी सब्जियों का ख़ास तौर से लौकी और पत्तागोभी का रस पीयें
- गले में स्फटिक की माला धारण करें
- एकाग्रता पूर्वक प्रातः और सायं गायत्री मन्त्र का जाप करें
रक्तचाप की नौबत ही न आये , इसके लिए क्या करें ?
- प्राणायाम और ध्यान करें
- भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें
- ज्यादा से ज्यादा जल पीयें
- एक चांदी का छल्ला या चांदी की चेन धारण करें
- हलके नीले रंग के वस्त्रों का खूब प्रयोग करें
प्रज्ञा बाजपेयी