जानें- अमावस्या तिथि का महत्व, ऐसे करें पितरों को प्रसन्न

हिंदू शास्त्र के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के अंत में अमावस्या तिथि आती है. जानिए, इस दिन क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

हिंदू शास्त्र के अनुसार  हर महीने कृष्ण पक्ष के अंत में अमावस्या तिथि आती है. अमावस्या तिथि को रिक्ता तिथि माना जाता है. इस तिथि पर कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. अमावस्या तिथि पर रात्रि में चांद नहीं दिखाई देता है. अमावस्या तिथि पर सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में गोचर करते हैं,  जिसके कारण चंद्रमा कमजोर हो जाता है और मन में कहीं ना कहीं नकारात्मकता का प्रवेश होने लगता है. सूर्य और चंद्रमा के एक राशि में होने पर पितरों को प्रसन्न करने का भी  एक अद्भुत दिन होता है, जिससे हमारे कार्यों के अंदर गति आती है और हमें  नौकरी व्यापार आदि में सफलता मिलती है.

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इसी कारण अमावस्या के दिन जन्म लेने वाले लोगों के हर कार्य में दिक्कत परेशानी आती है और कोई भी कार्य आसानी से नहीं हो पाता है. चंद्रमा कमजोर होने के कारण  ऐसे लोग बहुत जल्दी नकारात्मकता से घिर जाते हैं और उनका अपने माता पिता से संबंध भी खराब हो जाता है. अमावस्या तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए जरूरतमंद लोगों को दवा, वस्त्र, भोजन का दान किया जाता है और अपने पितरों की प्रसन्नता को प्राप्त किया जाता है.

अमावस्या तिथि पर क्या बरतें सावधानियां-

- अमावस्या तिथि पर सूर्य उदय होने से पहले उठें और घर की साफ सफाई करें.

-  घर में किसी भी तरीके से तामसिक भोजन या मांसाहार का प्रयोग ना करें.

-  अपने घर के पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा में जरूर लगा दें.

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- घर में सुबह के समय नमक का पोछा जरूर लगवाएं.

- अमावस्या तिथि पर बाल न कटवाएं और ना ही दाढ़ी बनवाएं.

- अमावस्या तिथि पर पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें.

- अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए भोजन रसोई घर को साफ-सुथरा करके ही बनाएं और भोजन में शुद्ध चीजों का इस्तेमाल करें.

अमावस्या पर कैसे करें पितरों को प्रसन्न-

-  अमावस्या के दिन सुबह के समय जल्दी उठें और अपने स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल मिलाकर स्नान करें.

-  एक स्टील के लोटे में जल भरें और उसमें दो चम्मच कच्चा दूध, काला तिल, गंगाजल, बताशा मिलाएं.

- अपने दाएं हाथ से पीपल के वृक्ष की जड़ में दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके यह समस्त सामग्री अर्पण करें.

- पितरों को प्रसन्न करने के लिए सरसों या तिल के तेल का दीया भी पीपल के वृक्ष की जड़ में जरूर चलाएं.

- एक पान के पत्ते पर दो सफेद पेड़े रखकर पीपल के वृक्ष की जड़ में रखें.

- ऐसा करने से नौकरी व्यापार की सभी मुश्किलें दूर होंगी और घर के सभी लोग स्वस्थ रहेंगे.

पितरों को प्रसन्न करने का महाउपाय-

- हर अमावस्या के दिन सुबह के समय स्नान करके गाय या कुत्ते और कौवे को खाना दें.

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- जरूरतमंद लोगों को दवा वस्त्र भोजन का दान करें और नेत्रहीन विद्यालय में मीठे भोजन का दान करें.

- पीपल के छोटे-छोटे दो पौधे किसी निर्जन स्थान पर लगाएं. ऐसा करने से पितरों की प्रसन्नता जरूर दिखाई देगी.

- ऐसा करने से व्यापार में फंसा हुआ धन मिलेगा और नौकरी की भी आसानी से प्राप्ति होगी.

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