Vastu Tips: रोग-बीमारियों पर पानी की तरह बहा रहे पैसा? इन 3 तरीकों से दूर करें घर का वास्तु दोष

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में दुख-दरिद्रता का वास कुछ खास कारणों की वजह से होता है. कहते हैं कि अगर घर में हमेशा झगड़ा रहता है या लोगों में आपसी मतभेद रहते हैं और रोग-बीमारियों पर पानी की तरह पैसा खर्च होता है तो वास्तु दोष इसका कारण हो सकता है.

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अगर घर में इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रोनिक्स के सामान लगातार खराब हो जाते हैं तो यह राहु का दुष्प्रभाव हो सकता है. अगर घर में इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रोनिक्स के सामान लगातार खराब हो जाते हैं तो यह राहु का दुष्प्रभाव हो सकता है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST

Vastu dosha upay in hindi: हर इंसान जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि चाहता है. लेकिन न चाहते हुए भी दुख इंसान को घेर ही लेता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में दुख-दरिद्रता का वास कुछ खास कारणों की वजह से होता है. कहते हैं कि अगर घर में हमेशा झगड़ा रहता है या लोगों में आपसी मतभेद रहते हैं और रोग-बीमारियों पर पानी की तरह पैसा खर्च होता है तो वास्तु दोष इसका कारण हो सकता है. इस तरह के वास्तु दोष को घर में कुछ खास संकेतों के माध्यम से समझा जा सकता है.

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इलेक्ट्रोनिक्स का सामान बार-बार खराब होना
अगर घर में इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रोनिक्स के सामान लगातार खराब हो जाते हैं या बल्ब और ट्यूबलाइट बार-बार फ्यूज हो जाते हैं तो यह राहु का दुष्प्रभाव हो सकता है. इससे व्यक्ति के साथ दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसी दशा में घर में मुख्य स्थानों पर लाल स्वस्तिक लगा दें. आप चाहें तो घर के मुख्य द्वार पर भी यह स्वस्तिक लगा सकते हैं. लेकिन यहां भी आपको साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना होगा

घर में बेवजह होते हैं झगड़े?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर घर में बार-बार बिना किसी कारण झगड़ा होता है या वाद-विवाद इतना बढ़ जाता है कि रिश्ते टूटने की नौबत आ जाती है तो यह मंगल की खराब स्थिति को दर्शाता है. इसके लिए घर में पर्याप्त सूर्य के प्रकाश की व्यवस्था करें. शनिवार की शाम को घर के सभी लोग मिलकर सुन्दरकाण्ड का पाठ करें.

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घर में हमेशा कोई न कोई बीमार रहता है?
अगर घर में कोई न कोई बीमार रहता है और घर की आय दवाइयों में ही जा रही है.  बिना किसी कारण के लोग बीमार ही रहते हैं तो इसे सूर्य के दुष्प्रभाव से जोड़कर देखना चाहिए. ऐसी दशा में नित्य प्रातः घर में गायत्री मंत्र का बोल बोलकर 108 बार जाप करें. दोनों समय भोजन बनने के बाद पहले भगवान को समर्पित करें. फिर ग्रहण करें.

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