Ganesh Mahotsav 2024: दाईं ओर सूंड वाले गणपति बनाएंगे धनवान, जानें बप्पा की अलग-अलग मूर्तियों को पूजने की महिमा

Ganesh Mahotsav 2024: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश महोत्सव शुरू हो जाता है जो कि अनंत चतुर्दशी तक चलता है. इस दिन गणपति विसर्जन के साथ ही 10 दिवसीय पर्व का समापन हो जाता है. इस बार गणेश महोत्सव 7 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक चलने वाला है.

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गणेश महोत्सव के दौरान बड़े-बड़े पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है और उनकी विधिवत उपासना की जाती है. गणेश महोत्सव के दौरान बड़े-बड़े पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है और उनकी विधिवत उपासना की जाती है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:03 AM IST

Ganesh Mahotsav 2024: देश में धूमधाम से गणेश महोत्सव का त्योहार मनाया जा रहा है. चारों ओर गणपति बप्पा के जयकारे गूंज रहे हैं. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश महोत्सव शुरू हो जाता है जो कि अनंत चतुर्दशी तक चलता है. इस दिन गणपति विसर्जन के साथ ही 10 दिवसीय पर्व का समापन हो जाता है. इस बार गणेश महोत्सव 7 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक चलने वाला है. कहते हैं कि इन पवित्र दिनों में भगवान गणेश अपने भक्तों को आशीर्वाद देने धरती पर उतरते हैं. इस दौरान बड़े-बड़े पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है और उनकी विधिवत उपासना की जाती है. इन पंडालों में आपने भगवान गणेश की अलग-अलग प्रतिमाएं देखी होंगी. आपको कहीं बैठे हुए गणेश नजर आते हैं, तो कहीं लेटे हुए गणपति. आइए आज आपको भगवान गणेश की इन अलग-अलग प्रतिमाओं को पूजने का महत्व बताते हैं.

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1. बैठे हुए गणेशजी 
ऐसी मान्यता है कि घर में अगर बैठे हुए गणपति जी की मूर्ति की स्थापना की जाए और गणपति जी की उस प्रतिमा की पूरे विधि विधान से पूजा की जाए तो  घर में सुख शांति बनी रहती है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसा माना जाता है कि बैठे हुए गणपति जी घर के लिए काफी शुभ माने जाते हैं.

2. बाईं सूंड वाले गणपति 
बाईं सूंड वाले गणपति वक्रतुंड और वाममुखी कहलाते हैं. बाईं तरफ सूंड किए हुए गणपति में चंद्रमा का वास होता है. ऐसा माना जाता है कि बाईं सूंड वाले गणपति गृहस्थ जीवन के लिए शुभ माने होते हैं. यह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं. घर से सारी परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं. 

3. दाईं सूंड वाले गणपति   
दाईं सूंड वाले गणपति को सिद्धि विनायक और दक्षिणाभिमुखी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि अगर दाईं सूंड वाले गणपति जी की स्थापना की जाए तो घर की आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है. घर की सुख-संपन्नता बढ़ती है. इनकी पूजा करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी. ऐसा भी माना जाता है कि दाईं सूंड वाले गणपति जी की पूजा अगर विधि विधान से न हो तो यह बहुत ही जल्दी रुष्ट हो जाते हैं.

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4. नृत्य मुद्रा वाले गणपति
जो लोग कला में अपनी बहुत ज्यादा रुचि रखते है उनके लिए नृत्य मुद्रा वाले गणपति जी बड़े ही शुभ माने जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि गणपति की नृत्य करते हुए या फिर किसी वाद्य यंत्र को बजाते हुई मूर्ति की पूजा करने पर घर में सुख, आनंद और कला में सफलता प्राप्त होती है. 

5. लेटे हुए गणपति
लेटी हुई अवस्था में गणपति जी बड़े ही शुभ माने जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस प्रतिमा की स्थापना से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और इनकी पूजा करना बिजनेस वालों के लिए शुभ माना जाता है.

6. चूहे पर खड़े गणपति
चूहे पर खड़े गणपति जी को गणराज भी कहा जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार ये प्रतिमा हिम्मत का प्रतीक मानी जाती है. ऐसी मान्यता है कि अगर गणेश जी की इस प्रतिमा की पूजा की जाए तो जिंदगी में जिम्मेंदारियां उठाने का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

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