चंद्र ग्रहण की अवधि में करें इन मंत्रों का जाप, दूर रहेगा हर संकट

ज्योतिषि कहते हैं कि ग्रहण काल की अवधि में तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए कुछ खास मंत्रों के उच्चारण किया जा सकता है. ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है.

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ज्योतिषविद कहते हैं कि ग्रहण काल में अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए ज्योतिषविद कहते हैं कि ग्रहण काल में अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

5 जून को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. शुक्रवार को लगने वाला यह ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा, जिसे धार्मिक लिहाज से बहुत ज्यादा मान्यताएं नहीं दी जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र में उपछाया ग्रहण मान्य नहीं होता है. इस ग्रहण का ना तो पृथ्वी पर कोई असर होता है और ना ही इसके सूतक के नियम माने जाते हैं.

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हालांकि ज्योतिषविद थोड़ी बहुत सावधानी बरतने की सलाह जरूर देते हैं. ज्योतिषि कहते हैं कि ग्रहण काल की अवधि में तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए कुछ खास मंत्रों के उच्चारण किए जा सकते हैं. ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है.

पढ़ें: कब और कहां दिखेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, भारत में कितना असर?

ज्योतिषविद कहते हैं कि ग्रहण काल में अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसमें आप भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय, भगवान गणेश के मंत्र श्री गणेशाय नम: का जाप कर सकते हैं.

इसके अलावा मां दुर्गा की आराधना की करने वाले देवी मंत्र दुं दुर्गाय नम:, श्रीराम भक्त हनुमान के मंत्र ऊँ रामदूताय नम: और श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप कर सकते हैं. याद रखें कि इन मंत्रों का जाप करते वक्त आपके मन में प्रभु की सच्ची आस्था होनी जरूरी है, अन्यथा मंत्रों की शक्ति का फल नहीं मिलता है.

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