ज्योतिष में कल्पना और सौंदर्य का मुख्य ग्रह शुक्र (नेपच्यून) को माना जाता है. शुक्र के अंदर अन्य भी बहुत सारे गुण पाये जाते हैं. शुक्र की सारी भावनाएं एक ही ग्रह में पाई जाती हैं और उसका नाम है नेपच्यून. कल्पना, भावना और सौंदर्य का सबसे बड़ा ग्रह यही है.
क्या है नेपच्यून ग्रह की विशेषता?
नेपच्यून को वरुण ग्रह भी कहा जाता है. यह द्वादश भाव में अत्यंत बलवान होता है. इसकी राशि मीन मानी जाती है. यह एक राशि में लगभग 14 वर्ष तक रहता है. यह जल तत्त्व को नियंत्रित करता है. इसलिए बहुत सारे लोग इसको वरुण देव भी कहते हैं. अंक ज्योतिष में इसका अंक 7 है.
नेपच्यून के शुभ होने के परिणाम क्या हैं?
यह व्यक्ति को अत्यंत संवेदनशील और भावुक बनाता है. यह व्यक्ति के अंदर कल्पना और रहस्य के गुण पैदा पैदा करता है. इससे व्यक्ति के अंदर शुद्ध आध्यात्मिकता आती है. यह व्यक्ति को कला, संगीत और फिल्म के क्षेत्र में खूब सफलता देता है. यह व्यक्ति को बहुत ज्यादा प्रसिद्धि और यश देता है.
नेपच्यून के अशुभ प्रभाव क्या हैं ?
यह अन्धकार और अवसाद की ओर ले जाता है. यह कल्पना की और मानसिक समस्याएं भी देता है. यह नशे, सम्मोहन और रहस्य के अंधेरे में ले जाता है. यह विचित्र तरह का चरित्र दोष भी देता है. यह नींद और आराम में समस्याएं भी पैदा करता है.
कुंडली में नेपच्यून अशुभ हो तो क्या उपाय करें ?
जल की बर्बादी बिलकुल न करें. एक ओपल अवश्य धारण करें. नित्य प्रातः वरुण मन्त्र का जाप करें. मंत्र होगा "ॐ वं वरुणाय नमः". जहां तक हो सके हल्के नीले रंग का प्रयोग करें
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