“भाग्य चक्र” कार्यक्रम में पूर्व जन्म और राहु के संबंध पर चर्चा की गई है. बताया गया है कि राहु को देखकर और समझकर अपने पूर्व जन्म के बारे में अनुमान कैसे लगाया जा सकता है और राहु का पूर्व जन्म और वर्तमान जन्म का संबंध समझकर अज्ञात बाधाओं से मुक्ति कैसे पाई जा सकती है. राहु के अलग-अलग भावों में होने का अर्थ और उसके दुष्प्रभाव से मुक्ति के उपाय भी बताए गए हैं.