Shardiya Navratri 2025: नवरात्र में किस दिशा में जलाना चाहिए अखंड दीप, जानिए वास्तु का नियम

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र में अखंड दीप जलाने की परंपरा रही है. लेकिन वास्तु शास्त्र कहता है कि अखंड ज्योत जलाते समय सही दिशा का पालन करना बेहद जरूरी होता है.

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अखंड ज्योत जलाने की सही विधि और लाभ (Photo: AI Generated) अखंड ज्योत जलाने की सही विधि और लाभ (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST

Shardiya Navratri 2025: 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रही है. इस बार नवरात्र 10 दिनों की होगी. नवरात्र के पूरे 9 दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय और पूजा-पाठ किए जाते हैं. इस दौरान घर में अखंड ज्योत जलाना भी अत्यंत शुभ माना गया है. हिंदू धर्म में अखंड ज्योत का विशेष महत्व है क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है, बल्कि घर में सकारात्मक वातावरण और सुख-समृद्धि भी लाता है.

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अखंड ज्योत और वास्तु का महत्व

अखंड ज्योत को जलाते समय सिर्फ उसकी साफ-सफाई ही नहीं, बल्कि वास्तु का भी विशेष ध्यान रखना जरूरी है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, अखंड ज्योत हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए. यही दिशा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और देवी की कृपा बनी रहती है. दीया और ज्योत के लिए यह दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है.

अखंड ज्योत जलाने की सही विधि और लाभ

अखंड ज्योत को हमेशा साफ स्थान पर रखें. इसे किसी अवरोध या रुकावट के बिना जलाएं. मान्यता है कि यदि ज्योत निरंतर और बिना किसी बाधा के जलती रहे, तो घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. ऐसा घर में कभी भी धन की कमी से नहीं होती. नवरात्र में नियमित रूप से ज्योत जलाना देवी की विशेष कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय माना गया है.

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शुभ मुहूर्त और तारीख 

बता दें कि अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र शुरू होती हैं, और नवमी तिथि पर इसका समापन होता है. इसके अगले दिन दशहरा या विजयादशमी पर्व मनाया जाता है. इस साल 22 सितंबर रात 1:23 बजे से प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होकर 23 सितंबर को देर रात रात 2:55 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को मानी जाएगी. इसी दिन से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी और कलश स्‍थापना भी इसी दिन की जाएगी. वहीं 31 सितंबर को महाअष्‍टमी और 1 अक्‍टूबर को महानवमी मनाई जाएगी. इसके बाद 2 अक्‍टूबर को दशहरा महापर्व मनाया जाएगा. 

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