Vastu Tips: हमारे हिंदू धर्म में ऐसी परंपरा है कि जब भी किसी पूर्वज की मृत्यु हो जाती है तो उनकी याद में उनकी तस्वीर लगाई जाती है. हिंदू धर्म में पूर्वजों को बहुत महत्वपूर्ण और पूजनीय माना जाता है. वहीं, वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्वजों की तस्वीर लगाने की दिशा को भी बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है. सही दिशा में तस्वीर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. चलिए वास्तु शास्त्र के द्वारा जानते हैं कि पूर्वजों की तस्वीर लगाने की सही दिशा क्या है.
पूर्वजों की तस्वीर की सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्वजों की तस्वीर दक्षिण पश्चिम दिशा की दीवार पर लगाना बहुत ही शुभ और सकारात्मक माना जाता है. तस्वीर इस तरह हो कि उसे देखने वाले व्यक्ति का मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे. दक्षिण दिशा यम और पितृलोक से जुड़ी मानी जाती है, इसलिए यहां पूर्वजों की तस्वीर लगाना शुभ होता है. तस्वीर लगाते समय हमेशा दिशा का खास ख्याल रखना चाहिए.
तस्वीर लगाने से जुड़े जरूरी नियम
- पूर्वजों की तस्वीर हमेशा बैठक कक्ष या पूजा स्थान के बाहर लगाएं, मंदिर में न लगाएं.
- तस्वीर फ्रेम में साफ-सुथरी होनी चाहिए, फटी या धुंधली फोटो न लगाएं.
- तस्वीर में पूर्वजों का भाव शांत और प्रसन्न होना चाहिए.
- बेडरूम, किचन या बाथरूम की दीवार पर तस्वीर न लगाएं.
- तस्वीर बहुत नीचे या बहुत ऊंचाई पर न लगाएं, आंखों की सीध में लगाना उत्तम माना जाता है.
गलत दिशा में तस्वीर लगाने के नुकसान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगाने से मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं. गलत दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का भी आगमन होने लगता है.
क्या मंदिर में रखनी चाहिए पूर्वजों की तस्वीर?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में भी पूर्वजों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए, ये करना बहुत ही अशुभ होता है. कहते हैं कि ऐसा करने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं. दरअसल, पूर्वजों और पितरों का स्थान भगवान के नीचे माना गया है, इसलिए मंदिर में कभी भी पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए.
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