हिंदू धर्म में एकादशी व्रतों का अत्यंत विशेष महत्व बताया गया है. इन्हीं में से एक है उत्पन्ना एकादशी, जिसे वर्ष की सबसे शुभ और फलदायी एकादशी माना जाता है. यह व्रत हर साल मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन एकादशी देवी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इसे “उत्पन्ना एकादशी” कहा जाता है. इस दिन का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
शास्त्रों के अनुसार, जब असुर मुर नामक दैत्य ने देवताओं को परेशान किया, तब भगवान विष्णु ने उसे मारने के लिए युद्ध किया. युद्ध के दौरान जब भगवान विश्राम करने लगे, तब उनके शरीर से एक दिव्य स्त्री प्रकट हुई. वही थीं एकादशी देवी, जिन्होंने मुर दैत्य का वध किया. भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि जो भी उनके तिथि पर व्रत करेगा, उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे.
इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी 15 नवंबर 2025, शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ तुलसी माता की पूजा का भी विशेष महत्व है, क्योंकि तुलसी माता को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. इसलिए उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी से जुड़े कुछ सरल उपाय करने से श्री हरि विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है, तो आइए इससे जुड़े उपाय जानते हैं, जो इस तरह हैं -
शृंगार करें
इस दिन प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. तुलसी माता को शुद्ध जल अर्पित करें. फिर उन्हें लाल रंग की चुनरी, सोलह शृंगार की वस्तुएं (जैसे — बिंदी, चूड़ी, सिंदूर, काजल, कंघी, गजरा आदि) और फूल अर्पित करें. ऐसा करने से तुलसी माता प्रसन्न होकर भक्त पर अपनी कृपा बरसाती हैं. मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी के दिन इस विधि से तुलसी पूजन करने से माता लक्ष्मी घर में स्थायी रूप से वास करती हैं, जिससे धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य बढ़ता है. साथ ही, इस उपाय से वैवाहिक जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहती है.
कच्चा दूध चढ़ाएं
एकादशी तिथि को तुलसी माता की पूजा का विशेष फल मिलता है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन तुलसी माता को कच्चा दूध अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह उपाय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों को प्रसन्न करने वाला होता है.
सुबह स्नान के बाद तुलसी पौधे को स्वच्छ जल से सींचें और फिर कच्चा दूध अर्पित करें. इसके बाद तुलसी माता के सामने घी का दीपक जलाएं और श्रद्धा भाव से ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें. माना जाता है कि इस मंत्र का उच्चारण करने से वातावरण पवित्र होता है, मन में शांति आती है और भगवान विष्णु की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है.
तुलसी की मंजरी से करें ये काम
शास्त्रों में बताया गया है कि इस शुभ तिथि पर तुलसी माता की मंजरी का विशेष महत्व होता है. इस दिन पूजा के बाद तुलसी की कुछ मंजरी तोड़ें, उन्हें साफ लाल कपड़े में बांधें. फिर इस पोटली को अपनी तिजोरी या उस स्थान पर रखें जहां धन रखा जाता है. ऐसा करने से घर में धन की ऊर्जा सक्रिय होती है. आर्थिक तंगी धीरे-धीरे दूर होने लगती है. यह उपाय माता लक्ष्मी को प्रसन्न करता है.
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