Panchak December 2025: लगने वाला है पंचक काल, 5 दिनों तक बिल्कुल ना करें ये काम

Panchak December 2025: हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में पंचक का विशेष महत्व होता है. पंचक के दौरान कई शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है, इसलिए इस समय किसी भी मांगलिक कार्य से पहले पंचक की तिथि और समय जानना जरूरी होता है.

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लगने वाला है पंचक. (Photo: Pixabay) लगने वाला है पंचक. (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:38 PM IST

Panchak Start Date and Time: हिंदू धर्म में पंचक का विशेष महत्व माना जाता है. पंचक के दौरान विवाह, गृह प्रवेश जैसे कई शुभ कार्य करने की मनाही होती है. दिसंबर माह में पंचक की शुरुआत 24 दिसंबर 2025 से होने जा रही है. पंचक का समापन 29 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर होगा. चूंकि 24 दिसंबर को बुधवार पड़ रहा है, इसलिए इस पंचक को राज पंचक कहा जाएगा.  

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कैसे बनता है पंचक योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से लेकर शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करता है, तब पंचक काल माना जाता है. इसके अलावा, जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है, तब भी पंचक की स्थिति बनती है.अर्थात धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती इन पांच नक्षत्रों से चंद्रमा के गुजरने की अवधि को पंचक कहा जाता है. चंद्रमा को इन नक्षत्रों से गुजरने में लगभग पांच दिन लगते हैं, इसलिए इसे पंचक कहा गया है. 

पंचक को सामान्यतः अशुभ समय माना जाता है, इस दौरान कई मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. 

1- पंचक काल में चारपाई या पलंग बनवाना शुभ नहीं माना जाता. क्योंकि ऐसा करने से परिवार में संकट, कलह और रोग बढ़ सकते हैं. 

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2- इस दौरान घास, लकड़ी या अन्य ज्वलनशील वस्तुओं का संग्रह करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे भविष्य में बनते काम अटक सकते हैं.

3- पंचक के समय दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए. यह दिशा यम और पितरों से संबंधित मानी जाती है, जिससे यात्रा में बाधाएं आ सकती हैं.

4- पंचक के दौरान घर की छत बनवाना अशुभ माना जाता है, इससे पारिवारिक कलह और आर्थिक नुकसान की आशंका रहती है.

5- शास्त्रों के अनुसार, पंचक में शय्या (बिस्तर) का निर्माण भी वर्जित होता है. वहीं यदि किसी व्यक्ति का निधन पंचक के दौरान हो जाए, तो मृतक के साथ आटे या कुश से बने पांच पुतले रखे जाने की मान्यता है.

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