Magh Month 2023: माघ का महीना 7 जनवरी से शुरू, जानें इसके नियम और प्रमुख व्रत त्योहार

Magh Month 2023: माघ के महीने में जहां कहीं भी जल हो, वो गंगाजल के समान होता है. तभी तो इस पवित्र महीने में तीर्थ स्नान, सूर्य देव, मां गंगा और श्री हरि विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. इस माह में पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाने की महिमा अपंरपार है.

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7 जनवरी से शुरू हो रहा माघ का महीना, जानें इसके नियम और महत्व 7 जनवरी से शुरू हो रहा माघ का महीना, जानें इसके नियम और महत्व

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST

Magh Month 2023: माघ का महीना पहले माध का महीना था, जो बाद में माघ हो गया. माध शब्द का संबंध श्री कृष्ण के एक स्वरूप "माधव" से है. इस महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है. इस महीने में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं , साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है. इसी महीने में संगम पर "कल्पवास" भी किया जाता है, जिससे व्यक्ति शरीर और आत्मा से नवीन हो जाता है. इस बार माघ का महीना 7 जनवरी से 5 फरवरी तक रहेगा.

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ऐसी मान्यता हैं कि माघ के महीने में जहां कहीं भी जल हो, वो गंगाजल के समान होता है. तभी तो इस पवित्र महीने में तीर्थ स्नान, सूर्य देव, मां गंगा और श्री हरि विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. इस माह में पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाने की महिमा अपरंपार है. माघ में संगम पर कल्पवास करने की परंपरा है. कहते हैं इससे शरीर और आत्मा पवित्र हो जाती है.

माघ महीने के नियम
इस महीने में गर्म पानी को धीरे धीरे छोड़कर सामान्य जल से स्नान करना शुरू कर देना चाहिए. सुबह देर तक सोना, स्नान न करना स्वास्थ्य के लिए उत्तम नहीं होगा. इस महीने से भारी भोजन छोड़ देना चाहिए. इस महीने में तिल और गुड़ का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है. अगर केवल एक वेला भोजन किया जाए तो आरोग्य और एकाग्रता की प्राप्ति होती है. इस महीने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाता है और शुभ व मांगलिक कार्यों पर लगी पाबंदी हट जाती है.

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माघ के महाउपाय
माघ के महीने में रोज सुबह भगवान कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. 'मधुराष्टक' का पाठ करें. अपनी क्षमता अनुसार रोजाना किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं. संभव हो तो एक ही वक्त भोजन करें

माघ के प्रमुख व्रत-त्योहार

संकष्ठी चतुर्थी- संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है, संतान की चिंताएं दूर होती हैं
षठतिला एकादशी- इसमें तिल का विशेष प्रयोग करके स्वास्थ्य और समृद्धि पाते हैं
मौनी अमावस्या- इसमें मौन रहकर पाप नाश और आत्मा की शुद्धि की साधना करते हैं
बसंत पंचमी- ज्ञान, विद्या बुद्धि के लिए माँ सरस्वती की उपासना करते हैं
जया एकादशी- इस दिन विशेष प्रयोग करने से ऋणों तथा दोषों से मुक्ति मिलती है
माघी पूर्णिमा- इस दिन शिव और विष्णु , दोनों की संयुक्त कृपा मिलती है. 

दान की सावधानियां और नियम
माघ एक ऐसा महीना जिसमें किया हुआ दान अक्षय फल प्रदान करता है. एक ऐसा महीना जिसके आने से शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. हालांकि इस महीने दान करते वक्त कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना जरूरी है. दान कभी भी किसी दबाव में नहीं देना चाहिए. दान कभी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए जो कुपात्र हो.

जो भी वस्तुएं दान में दी जाएं वो उत्तम कोटि की होनी चाहिए. कुंडली में जो ग्रह महत्वपूर्ण हों उनका दान कभी न करें. दान में मांस,मदिरा आदि वस्तुएं न दें तो उत्तम है. दान देते समय मन में हमेशा ये भाव रखें कि ये वस्तु ईश्वर की दी हुई है. ये सेवा या दान मैं ईश्वर को ही कर रहा हूं.

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