Karwa Chauth 2025 Date: करवा चौथ का व्रत कब है? जानें इस दिन कितने बजे निकलेगा चांद

Karwa Chauth 2025: इस साल करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस व्रत में सुहागनें चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही कुछ खाती हैं. इस साल करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 13 मिनट बताया जा रहा है.

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करवा चौथ 2025 (Photo: AI Generated) करवा चौथ 2025 (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

Karwa Chauth 2025: हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रथी हैं और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. उत्तर भारत में तो शादीशुदा महिलाएं बड़े पैमाने पर इस व्रत को रखती हैं. करवा चौथ में सुहागनें पूरे दिन भूखी-प्यासी रहकर उपवास रखती हैं और रात को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर कुछ खाती हैं और व्रत खोलती हैं. आइए जानते हैं कि इस बार करवा चौथ किस दिन पड़ रहा है और चंद्रोदय का समय क्या रहने वाला है.

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कब है करवा चौथ?
इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी 9 अक्टूबर को रात 10.54 बजे प्रारंभ होगी और 10 अक्टूबर को शाम 07.38 बजे चतुर्थी तिथि का समापन होगा. ऐसे में उदिया तिथि के चलते करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा.

करवा चौथ पर पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहने वाला है. यानी संध्याकाल में पूजा की शुभ घड़ी करीब 1 घंटा 14 मिनट तक रहेगी.

करवा चौथ पर कब निकलेगा चांद?
करवा चौथ के दिन व्रती महिलाएं भूखी-प्यासी रहकर उपवास रखती हैं और शाम को बेसब्री से चांद निकलने का इंतजार करती हैं. इस व्रत में सुहागनें चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही कुछ खाती हैं. इस साल करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 13 मिनट बताया जा रहा है.

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पूजन विधि
करवा चौथ के दिन सुबह स्नानादि के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें. एक चौकी पर करवा माता की तस्वीर लगाएं और वहां एक करवा रखें. देवी को फल, फूल, मिठाई आदि आर्पित करें. इसके बाद करवा चौथ की कहानी सुनें. फिर संध्या काल में पुन: करवा माता की पूजा करें. माता को हलवा-पूरी आदि का भोग लगाएं.

फिर रात को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोल लें. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद एक छन्नी में दीपक रखकर उससे चंद्र दर्शन करने चाहिए और फिर अपने जीवनसाथी का चेहरा देखना चाहिए. छन्न से चंद्रमा और पति का चेहरा देखते हुए पति की लंबी उम्र और सुख-संपन्नता की कामना करें.

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