Guru Pradosh Vrat 2023: फरवरी का पहला प्रदोष व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Guru Pradosh Vrat 2023: फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 02 फरवरी 2023 को रखा जाएगा. प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस व्रत में भगवान शिव कि पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत रखने पर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है.

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गुरु प्रदोष व्रत 2023 गुरु प्रदोष व्रत 2023

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

Guru Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म में हर त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए ये व्रत विशेष फलदायी माना गया है. माघ माह दूसरा प्रदोष व्रत 02 फरवरी 2023, गुरुवार को रखा जाएगा. गुरुवार के दिन होने से यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग प्रदोष व्रत रखते हुए संध्या के समय भोलेनाथ की विधिवत पूजा आराधना करते हैं, उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. इससे सुख समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही जातक के सभी दोष मिट जाते हैं. 

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गुरु प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh vrat 2023 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 02 फरवरी 2023 को पड़ रही है. गुरु प्रदोष व्रत की शुरुआत 02 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 26 मिनट से होगी और इसका समापन 03 फरवरी शाम 06 बजकर 57 मिनट पर होगा. गुरु प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त शाम 06 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. उदयातिथि के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत 02 फरवरी को रखा जाएगा. 

गुरु प्रदोष व्रत पूजन विधि (Pradosh vrat 2023 Pujan Vidhi)

इस दिन सुबह स्नान करके सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद शिव जी को जल और बेल पत्र अर्पित करें. उनको सफेद वस्तु का भोग लगाएं. उसके बाद शिव मंत्र " ऊं नम: शिवाय " का जप करें. रात में शिव जी के सामने घी का दीया जलाएं. साथ ही रात के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाने चाहिए. इस दिन जलाहार और फलाहार ग्रहण करना उत्तम होता है. इस दिन नमक और अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए.    

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गुरु प्रदोष व्रत का महत्व (Pradosh vrat 2023 significance)

प्रदोष व्रत को हिन्दू धर्म में बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की अराधना करने से जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुराणों के अनुसार, एक प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों के दान जितना होता है. इस व्रत में व्रती को निर्जल रहकर व्रत रखना होता है. प्रातः काल स्नान करके भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल अक्षत धूप दीप सहित पूजा करें. संध्या काल में पुन: स्नान करके इसी प्रकार से शिव जी की पूजा करना चाहिए. इस प्रकार प्रदोषम व्रत करने से व्रती को पुण्य मिलता है.

प्रदोष व्रते के दिन भूलकर न करें ये गलतियां (Pradosh vrat 2023 Mistakes)

1. गुरु प्रदोष व्रत के दिन घर के साथ मंदिर की पूजा से पहले सफाई करनी चाहिए. साथ ही इस दिन शिवलिंग पर तुलसी की पत्तियां, केतकी के फूल, कुमकुम, नारियल का जल नहीं चढ़ानी चाहिए.

2. इस दिन भूलकर भी घर में लड़ाई-झगड़ा या विवाद न करें. व्रत कर रहे लोगों को दूसरों के लिए बुरी भावना अपने मन में नहीं लाना चाहिए. 

3. प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें. लहसुन प्याज वाला खाना नहीं खाना चाहिए. इन दिन मांस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए. 

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4. प्रदोष व्रत के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए और ना ही दिन में सोएं. बल्कि आपको दिन भर भगवान शिव का ध्यान लगाना चाहिए. 

5. महिलाओं को प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग को छूना नहीं चाहिए. ऐसा करने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं. 

6. प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी काले कपड़े न पहने. काला रंग अशुभ माना जाता है. इस दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए.

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