Kinnar Blessings: किन्नर समाज भारत की संस्कृति और परंपराओं का एक अहम हिस्सा रहा है. वे केवल समाज के एक वर्ग नहीं हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा हैं. हमारे धार्मिक ग्रंथों, पुरानी कथाओं और लोक कथाओं में किन्नरों का हमेशा खास स्थान रहा है. माना जाता है कि उनके आशीर्वाद और उनके शाप का असर तुरंत होता है. इसलिए सदियों से समाज में यह परंपरा चली आ रही है कि मांगलिक अवसरों और महत्वपूर्ण अवसरों पर किन्नरों को सम्मान और आदर दिया जाए.
खास मौके पर बुलाए जाते हैं किन्नर
ऐसा माना जाता है कि किन्नरों का आशीर्वाद जीवन में सौभाग्य, धन और अच्छे अवसर लाता है. यही वजह है कि शादी, बच्चे का जन्म, गृह प्रवेश, त्योहार या अन्य शुभ अवसरों पर किन्नरों को आमंत्रित किया जाता है. वे गीत, ताली और आशीर्वाद के साथ लोगों को बधाई देते हैं और बदले में उन्हें मिठाई, कपड़े या धन दिया जाता है.
सिक्का मिलना बेहद शुभ
किन्नर समाज न केवल आशीर्वाद देता है, बल्कि कुछ विशेष अवसरों पर अपनी ओर से कुछ शुभ चीजें भी देता है. ऐसा माना जाता है कि अगर किन्नर किसी व्यक्ति को एक रुपये का सिक्का दें और उसे हथेली पर रख दें, तो उसके जीवन में धन और अवसरों की कमी नहीं रहती. यह सिक्का सौभाग्य और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक माना जाता है.
बुध ग्रह से है किन्नरों का संबध
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन्नरों का संबंध बुध ग्रह से जोड़ा जाता है. बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार और वाणी का कारक है. बुधवार के दिन अगर किसी को किन्नर ने सिक्का दिया तो उसे सावधानीपूर्वक पर्स, तिजोरी या पूजा स्थल में रखा जाना चाहिए, इससे आर्थिक स्थिरता और समृद्धि बनी रहती है. सिक्के को साफ कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए और इसे कभी भी खर्च नहीं करना चाहिए.
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