Vamana Jayanti 2025: कब है वामन जयंती? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Vamana Jayanti 2025: भगवान विष्णु के वामन अवतार का उल्लेख श्रीमद्भागवत पुराण और विष्णु पुराण जैसे भारतीय पौराणिक साहित्य में गहराई से मिलता है. इसमें भगवान वामन के ऐश्वर्य का वर्णन किया गया है.

Advertisement
भगवान विष्णु के वामन अवतार (Photo: ITG) भगवान विष्णु के वामन अवतार (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:09 AM IST

Vamana Jayanti 2025: वामन जयंती का पर्व भगवान विष्णु के पांचवें स्वरूप के लिए मनाया जाता है. हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वामन द्वादशी या वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के वामन रूप के अवतार का जन्म हुआ था और यह शुभ दिन श्रवण नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त में मनाया जाता है. इस बार वामन जयंती 4 सितंबर को मनाई जाएगी. 

Advertisement

वामन जयंती 2025 शुभ मुहूर्त (Vamana Jayanti 2025 Shubh Muhurat)

वामन जयंती की द्वादशी तिथि 4 सितंबर को सुबह 4 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 5 सितंबर को सुबह 4 बजकर 8 मिनट पर होगा. क्योंकि यह त्योहार श्रवण नक्षत्र में तो इस दिन यह नक्षत्र 4 सितंबर, रात 11 बजकर 44 मिनट से लेकर 5 सितंबर रात 11 बजकर 38 मिनट पर समापन होगा. 

वामन जयंती 2025 पूजन विधि (Vamana Jayanti 2025 Pujan Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान वामन की पूजा-आराधना करना शुभ माना जाता है. पूजा के बाद चावल, दही जैसे फल और वस्तुओं का दान करना भी बहुत लाभकारी होता है. शाम को व्रती लोग भगवान की पूजा करते हैं, व्रत कथा सुनते हैं और पूरे परिवार में प्रसाद बांटते हैं. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं.

Advertisement

जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें वामन भगवान की स्वर्ण प्रतिमा बनवाकर पंचोपचार पूजा करनी चाहिए. पूजा की शुरुआत पूर्व दिशा की ओर हरे कपड़े पर वामन देव की मूर्ति या तस्वीर लगाकर की जाती है.

वामन जयंती 2025 राशिनुसार करें ये उपाय (Vamana Jayanti 2025 Upay)

मेष- मेष राशि के लोग इस दिन 'तप रूपाय विद्महे..' मंत्र का जाप करें.
वृषभ- वृष राशि के लोग मिश्री का भोग लगाएं. 
मिथुन- मिथुन राशि के लिए घी का दीप जलाएं.
कर्क- कर्क राशि वाले चावल-दही और चांदी का दान करें. 
सिंह- सिंह राशि वाले चंदन से पूजा करें. 
कन्या- कन्या राशि के लिए तुलसी पत्र और रक्त चंदन जरूरी है. 
तुला- तुला राशि के लोग खीर चढ़ाएं. 
वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले  'तप रूपाय विद्महे..' मंत्र का जाप करें. 
धनु- धनु राशि वाले फलाहार खाएं.
मकर- मकर राशि वालों को कांसे के दीपक से पूजा करनी चाहिए. 
कुंभ- कुंभ राशि वालों को भी घी का दीपक जलाना उचित है.
मीन- मीन राशि वाले दान-धर्म का कार्य करें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement