करवा चौथ 2018 (Karwa Chauth 2018) का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. मिटटी के टोटीनुमा पात्र जिससे जल अर्पित करते हैं, उसको करवा कहा जाता है और चतुर्थी तिथि को चौथ कहते हैं. इस दिन मूलतः भगवान गणेश, गौरी तथा चंद्रमा की पूजा की जाती है.
चंद्रमा को सामन्यतः आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है. इसलिए चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन मैं सुख शांति तथा पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं. यह पर्व सौंदर्य प्राप्ति का पर्व भी है. इसको मनाने से रूप और सौंदर्य भी मिलता है.
करवा चौथ (Karwa Chauth) के नियम और सावधानियां क्या हैं?
- केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया है, ऐसी महिलाएं ही ये व्रत रख सकती हैं.
जानें, कब है करवा चौथ और व्रत खोलने का शुभ मुहूर्त- यह व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाएगा, निर्जल या केवल जल पर ही व्रत रखें.
- व्रत रखने वाली कोई भी महिला काला या सफ़ेद वस्त्र न पहनें.
- लाल वस्त्र सबसे अच्छा है, पीला भी पहना जा सकता है.
- इस दिन पूर्ण श्रृंगार और पूर्ण भोजन जरूर करना चाहिए.
- भोजन हल्का ही रखें तो उत्तम होगा.
करवा चौथ (Karwa Chauth) पर उपवास के नियम क्या होंगे?
- अगर महिला का स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं है, तो निर्जल उपवास बिलकुल न रखें. ऐसी महिलाएं जल और फल पर उपवास रख सकती हैं.
- जिन महिलाओं को मधुमेह या रक्तचाप की समस्या है, या तो वे उपवास न रखें या अपने चिकित्सक की सलाह ले लें.
- अगर महिलाएं अशुद्धि की अवस्था में है, तो उन्हें अपने खान पान का ध्यान रखना चाहिए और सामान्यतः अग्नि और जल से दूर रहना चाहिए.
- अगर महिला की जगह उनके पति भी उपवास रखते हैं, तो भी व्रत का पूर्ण और शुभ परिणाम मिलेगा.
- व्रत के बाद नींबू पानी पीकर व्रत का समापन करें.
करवा चौथ (Karwa Chauth): कैसे सजाएं पूजा की थाली और क्या खास करें?
- चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली सजाएं, थाली मैं दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुमकुम, रोली तथा चावल की बनी मिठाई या सफ़ेद मिठाई रखें.
- संपूर्ण श्रृंगार करें और करवे में जल भर लें.
- मां गौरी और गणेश की पूजा करें.
- चंद्रमा के निकलने पर चलनी से या जल में चंद्रमा को देखें.
- अर्घ्य दें, करवा चौथ व्रत की कथा सुनें.
- उसके बाद अपने पति की लंबी आयु की कामना करें.
- अपनी सास या किसी वयोवृद्ध महिला को श्रृंगार का सामान दें तथा उनसे आशीर्वाद लें.
करवा चौथ का व्रत का सुहागिनों का खास इंतजार रहता है. इस व्रत से महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु और सेहत की कामना करती हैं. यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है. हालांकि करवा चौथ के व्रत की समाप्ति के बाद महिलाओं को खान-पान से संबंधित कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए.
प्रज्ञा बाजपेयी