Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी आज, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महाउपाय

श्रावण कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 12 जुलाई को शाम 05.59 बजे से लेकर 13 जुलाई को शाम 06.24 बजे तक रहेगी. ज्योतिषविदों का कहना है कि कामिका एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 13 जुलाई को सुबह 05.32 से सुबह 07.23 बजे तक रहेगा.

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Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी आज, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महाउपाय Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी आज, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महाउपाय

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 4:46 AM IST

Kamika Ekadashi 2023: आज श्रावण मास की कामिका एकादशी है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. चूंकि यह एकादशी भगवान शिव को समर्पित सावन के महीने में आती है, इसलिए इसका महत्व और ज्यादा होता है. कामिका एकादशी का व्रत विधान करने से बड़े से बड़ा कष्ट दूर हो जाता है. आइए आपको कामिका एकादशी की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त बताते हैं.

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कामिका एकादशी शुभ मुहूर्त
श्रावण कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 12 जुलाई को शाम 05.59 बजे से लेकर 13 जुलाई को शाम 06.24 बजे तक रहेगी. ज्योतिषविदों का कहना है कि कामिका एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 13 जुलाई को सुबह 05.32 से सुबह 07.23 बजे तक रहेगा.

कामिका एकादशी पूजा विधि
कामिका एकादशी पर सुबह-सुबह भगवान कृष्ण की आराधना करें. उनको पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. फल भी अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद भगवान कृष्ण का ध्यान करेंतथा उनके मन्त्रों का जप करें. इस दिन भी शिव जी को जल अर्पित करें.

सायंकाल पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी उत्तम होगा. इस दिन पूर्ण रूप से जलीय आहार लें अथवा फलाहार लें तो इसके श्रेष्ठ परिणाम मिलेंगे. अगर भोजन ग्रहण करना ही है तो सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. इस दिन मन को ईश्वर में लगाएं.

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सावधानियां
कामिका एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें. इस दिन घर में प्याज-लहसुन और तामसिक भोजन का बिल्कुल भी प्रयोग न करें. एकादशी की पूजा में हर तरीके से परिवार में शांति पूर्वक माहौल बनाए रखें. घर के द्वार पर आए किसी भी व्यक्ति का अपमान बिल्कुल न करें.

कामिका एकादशी के महाउपाय
कामिका एकादशी पर 5 सफेद जनेऊ को केसर से रंगे और 5 स्वच्छ पीले फल लें. पीले आसन पर बैठकर तुलसी की माला से ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का तीन माला जाप करें. जाप के बाद पांचों जनेऊ और पीले फल भगवान विष्णु के मंदिर में अर्पण कर दें और मन की इच्छा भगवान विष्णु के सामने जरूर कहें. स्वयं प्रसाद के रूप में एक केला घर पर ले आएं और परिवार के सभी सदस्यों को दें.

 

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