गुप्त नवरात्रि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है. यह साल में दो बार मनाई जाती है. एक बार माघ माह में और फिर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में. इसे गुप्त इसलिए कहा जाता है. क्योंकि इसमें साधक अपनी साधना, अनुष्ठान और पूजा गुप्त रूप से करते हैं. यह तांत्रिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस साल माघ माघ माह की गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से लेकर 7 फरवरी तक रहने वाली है. आइए आपको गुप्त नवरात्रि में राशिनुसार किए जाने वाले कुछ लाभकारी उपाय बताते हैं.
राशि अनुसार गुप्त नवरात्रि में क्या उपाय करें?
मेष राशि- पूरी नवरात्रि में देवी की उपासना लाल फूलों से करें नित्य प्रातः और सायं "दुर्गा सप्तशती" का पाठ करें. यथाशक्ति तिल और गुड़ का दान करते रहें.
वृष राशि- पूरी नवरात्रि में देवी की उपासना सफ़ेद फूलो से करें. अधिक से अधिक मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करें. पीली वस्तुओं का नियमित दान करते रहें.
मिथुन राशि- पूरी नवरात्रि में मध्य रात्रि की पूजा अवश्य करें अधिक से अधिक सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें. लाल फल और मिठाई का दान करते रहें.
कर्क राशि- पूरी नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ अवश्य करें मुख्य रूप से माँ ललिता की पूजा करें. नियमित रूप से निर्धनों को हलवा पूरी का दान करें.
सिंह राशि- पूरी नवरात्रि दुर्गा कवच का पाठ करें अधिक से अधिक माँ काली की उपासना करें. निर्धनों को नियमित रूप से वस्त्रों का दान करते रहे.
कन्या राशि- पूरी नवरात्रि श्री सूक्तम का पाठ करें अधिक से अधिक माता लक्ष्मी की उपासना करें. लाल फल, मिठाई और लाल वस्त्र का दान करें.
तुला राशि- पूरी नवरात्रि कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें मध्य रात्रि में पूजा करने का प्रयास करें. पीले फल और पीली मिठाई का दान करें.
वृश्चिक राशि- पूरी नवरात्रि महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करें खान पान को नियंत्रित और सात्विक रखने का प्रयास करें. अन्न और वस्त्र का यथाशक्ति दान करें.
धनु राशि- पूरी नवरात्रि विन्धेश्वरी स्तोत्र का पाठ करें देवी की दोनों वेला पूजा पीले फूलों से करें. खान पान और जीवनचर्या सात्विक रखें.
मकर राशि- पूरी नवरात्रि दुर्गा सप्तशती का पाठ करें देवी की दोनों वेला कपूर से आरती करें. निर्धनों को हलवा पूरी दान करें.
कुंभ राशि- पूरी नवरात्रि रात्रि सूक्त का पाठ करें. मध्य रात्रि को पूजा करने का प्रयास करें निर्धनों में लाल फल का दान करें.
मीन राशि- पूरी नवरात्रि कवच, कीलक और अर्गला का पाठ करें दोनों वेला देवी की उपासना करें. तिल और गुड़ का दान करना लाभकारी होगा.
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