छठ में आज खरना के दिन बन रहा है ये शुभ संयोग, जानें इसका महत्व और पूजा विधि

इस बार खरना के दिन बहुत शुभ योग बन रहा है. छठ पर रवि योग का ऐसा संयोग बना है जो नहाय खाय से लेकर 2 नवंबर तक बना रहेगा.

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खरना पर बन रहा शुभ योग खरना पर बन रहा शुभ योग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:27 AM IST

छठ का महापर्व 31 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ शुरू हो चुका है. आज छठ का दूसरा दिन है. आज के दिन खरना मनाया जाता है. खरना का मतलब है शुद्धिकरण. छठ का व्रत करने वाले महिलाएं नहाय खाय के दिन पूरा दिन उपवास रखकर केवल एक ही समय भोजन करती हैं. इस दिन से छठ के अंतिम दिन तक शरीर से लेकर मन तक को शुद्ध रखा जाता है.

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खरना के दिन व्रती महिलाएं छठ मैय्या की पूजा करके उन्हें गुड़ से बनी खीर का प्रसाद चढ़ाती हैं और शाम के समय घर के लोगों में इसका प्रसाद बांटा जाता है. प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.

खरना के दिन शुभ संयोग

इस बार खरना के दिन बहुत शुभ योग बन रहा है. छठ पर रवि योग का ऐसा संयोग बना है जो नहाय खाय से लेकर 2 नवंबर तक बना रहेगा. इसी शुभ योग में डूबते सूर्य देव को संध्या कालीन अर्घ्य भी दिया जाएगा. आपको बता दें हिंदू धर्म में रवि योग का बहुत महत्व है. ये योग अनेक प्रकार के अशुभ योगों को दूर कर देता है. रवि योग के दिन भगवान सूर्य देव की विशेष कृपा होती है और छठ भी में भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी उपसना की जाती है. इसलिए छठ पर बन रहा ये योग बहुत ही शुभ है.

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खरना व्रत रखने की विधि

खरना के दिन यानी आज से महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं शाम को स्नान करके विधि-विधान से रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद तैयार करती है.

ये प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर तैयार किया जाता है. खीर के अलावा पूजा के प्रसाद में मूली, केला भी रखा जाता है. व्रत रखने वाली महिलाएं भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करने के बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं.

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