असम में शुक्रवार को राज्य के सबसे रंगीन त्योहार रोंगाली बीहू की धूम और जश्न का माहौल है. रोंगाली या बोहाग (बसंत) बीहू असमिया कैलेंडर के चोत महीने के आखिरी दिन शुरू होता है, जो आमतौर पर हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है. इसके पहले दिन को गोरु बीहू के नाम से जाना जाता है और यह मवेशियों को समर्पित होता है.
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राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने बीहू के मौके पर अपने मवेशियों को नदियों और तालाबों में पारंपिक स्नान कराया और उनके शरीर पर 'दिग्हल्ती पात' (औषधीय गुणों वाले पौधे की पत्तियां) का लेप किया. लोगों ने पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हुए पारंपरिक भजन भी गाए.
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इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और नाचते-गाते हैं. साथ ही युवा बड़ों का आर्शीवाद लेते हैं. इस दिन सम्मान के तौर पर 'बीहूवान' (पारंपरिक असमिया टॉवर गमोचा) का आदान-प्रदान किया जाता है.
IANS