Bhadrapada Amavasya 2022 Date: 26 या 27 अगस्त, आखिर कब है भाद्रपद अमावस्या? जानें मुहूर्त और पूजन विधि

Bhadrapada Amavasya 2022 Date: भाद्रपद अमावस्या में स्नान, दान और श्राद्ध करने से पुण्य मिलता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. भाद्रपद अमावस्या में कुश (घास) एकत्र करने की भी परंपरा है. इसलिए इसे कुशा गृहिणी अमावस्या भी कहते हैं. हिंदू पंचांग में भाद्रपद की अमावस्या तिथि दो दिन लग रही है- 26 अगस्त और 27 अगस्त.

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Bhadrapada Amavasya 2022 Date: 26 या 27 अगस्त, आखिर किस दिन है भाद्रपद अमावस्या? जानें मुहूर्त और पूजन विधि Bhadrapada Amavasya 2022 Date: 26 या 27 अगस्त, आखिर किस दिन है भाद्रपद अमावस्या? जानें मुहूर्त और पूजन विधि

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

Bhadrapada Amavasya 2022: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भाद्रपद अमावस्या या भादो अमावस्या कहा जाता है. हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा कहते हैं कि भाद्रपद अमावस्या में स्नान, दान और श्राद्ध करने से पुण्य मिलता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. भाद्रपद अमावस्या में कुश (घास) एकत्र करने की भी परंपरा है. इसलिए इसे कुशा गृहिणी अमावस्या भी कहते हैं. हिंदू पंचांग में भाद्रपद की अमावस्या तिथि दो दिन लग रही है- 26 अगस्त और 27 अगस्त. इसलिए लोग इसकी सही तारीख को लेकर बहुत ज्यादा कन्फ्यूज हो गए हैं.

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कब है भाद्रपद अमावस्या? (Bhadrapada Amavasya 2022 date and shubh muhurat)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 26 अगस्त दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी शनिवार, 27 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर इसका समापन होगा. उदया तिथि के कारण भाद्रपद अमावस्या 27 अगस्त दिन शनिवार को ही मनाई जाएगी.

भाद्रपद अमावस्या पर शिव योग (Bhadrapada amavasya 2022 shubh yog)
इस बार भाद्रपद अमावस्या के दिन एक बेहद शुभ योग भी बन रहा है. इस दिन सुबह से लेकर अगले दिन यानी 28 अगस्त को 02 बजकर 07 मिनट तक शिव योग रहेगा. ऐसी मान्यताएं हैं कि शिव योग में किए गए शुभ और मांगलिक कार्य पूर्णत: सफल और फलदायी होते हैं. इनका परिणाम हमेशा अच्छा रहता है. साथ ही, अमावस्या पर सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा.

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भाद्रपद अमावस्या की पूजन विधि (Bhadrapada amavasya 2022 pujan vidhi)
भाद्रपद अमावस्या पर दान धर्म और श्राद्ध के कार्य करना बहुत ही शुभ होता है. इस दिन प्रातःकाल में स्नानादि के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें. पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा तट पर पिंडदान करें. पितरों की शांति के लिए गंगा तट पर पिंडदान करें. इसके बाद किसी गरीब इंसान को दान-दक्षिणा दें. अगर आपकी कुंडली में कालसर्प योग लगा हुआ है तो इस दिन इसका विशेष उपाय भी किया जा सकता है. इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें और पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें.

 

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