Bada Mangal 2022: ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल आज, इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा

Bada Mangal 2022: ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन हनुमान की पूजा-अर्चना से जीवन के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि हनुमानजी ने इसी दिन बूढ़े वानर का रूप लेकर भीम का घमंड तोड़ा था.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST
  • बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है बड़ा मंगल
  • इस दिन की जाती है हनुमान जी की खास पूजा-अर्चना

मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है. यूं तो हर मंगलवार का खास महत्व होता है लेकिन ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार को काफी शुभ माना जाता है. ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल आज 24 मई 2022 को मनाया जा रहा है. इसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन हनुमान जी की खास पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है. बड़े मंगल के मौके पर आइए जानते हैं कैसे करें हनुमान जी की पूजा.

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 हनुमान जी की आरती (Hanuman Aarti)

आरती कीजै हनुमान लला की. दुष्ट दलन रघुनाथ कला की.. 
जाके बल से गिरिवर कांपे. रोग दोष जाके निकट न झांके.. 
अनजानी पुत्र महाबलदायी. संतान के प्रभु सदा सहाई. 
दे बीरा रघुनाथ पठाए. लंका जारी सिया सुध लाए. 
लंका सो कोट समुद्र सी खाई. जात पवनसुत बार न लाई. 
लंका जारी असुर संहारे. सियारामजी के काज संवारे. 
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे. आणि संजीवन प्राण उबारे. 
पैठी पताल तोरि जम कारे. अहिरावण की भुजा उखाड़े. 
बाएं भुजा असुरदल मारे. दाहिने भुजा संतजन तारे. 
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे. जै जै जै हनुमान उचारे. 
कंचन थार कपूर लौ छाई. आरती करत अंजना माई. 
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई. तुलसीदास प्रभु कीरति गाई. 
जो हनुमान जी की आरती गावै. बसी बैकुंठ परमपद पावै. 
आरती कीजै हनुमान लला की. दुष्ट दलन रघुनाथ कला की.

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जानें हनुमान जी की पूजा विधि (Puja Vidhi)

- बड़े मंगल के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें. 

- इसके बाद पूजा स्थल पर हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा रखें. 

- पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें. 

- फिर हनुमान जी को पहले एक बार गंगाजल से स्नान कराएं, फिर पंचामृत से स्नान कराएं. अंत में साफ पानी से भी स्नान कराएं.

- इसके बाद हनुमान जी के आगे घी का दीपक जलाएं और वस्त्र अर्पित करें. 

- इसके बाद हनुमान जी को पान चढ़ाएं.

-अंत में कपूर जलाकर हनुमान जी की आरती करें. और फिर हाथ जोड़कर हनुमान जी से प्रार्थना करें.


 

 

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