कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा के बीच राजस्थान में राजनीतिक संकट गरमा गया है. कांग्रेस आलाकमान द्वारा सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री बनाने की संभावना के बीच अशोक गहलोत के समर्थक 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया. आज खड़गे और अजय माकन विधायकों से मिलकर दिल्ली लौटे. यहां उन्होंने सोनिया गांधी से मीटिंग करके उनको रिपोर्ट दी. सोनिया ने पूरे मामले की लिखित रिपोर्ट मांगी है.
वहीं, कांग्रेस सूत्र के मुताबिक, आज पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस अध्यक्ष को मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है. आज कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है. कल वे एक रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसमें कुछ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी. हालांकि कल सोनिया गांधी से वन-टू-वन किसी की मुलाकात नहीं होगी. पार्टी अध्यक्ष रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगी. बताते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के अप्रत्याशित कदम से बगावत की स्थिति बनी. इसकी भनक जयपुर में साथ बैठे पर्यवेक्षकों तक को नहीं लग सकी.
गहलोत के करीबी और मंत्री शांति धारीवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी और पार्टी महासचिव अजय माकन पर सवाल उठाए और सचिन पायलट के समर्थन में माहौल बनाने का आरोप लगाया है. धारीवाल ने कहा कि माकन यहां पक्षपातपूर्ण तरीके से विधायकों से बात कर रहे थे. वे लगातार सचिन पायलट का समर्थन करते थे. हमारे पास इस बात के सबूत हैं. हम सोनिया गांधी के सिपाही हैं. 50 साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. पहले साजिश हुई और पंजाब खो दिया, अब राजस्थान भी हाथ से चला जाएगा.
राजस्थान के बागी विधायकों ने हाईकमान से बात करने के लिए फिर तीन शर्तें रखी हैं. पहली- 19 अक्टूबर के बाद सीएम पद पर फैसला करें. दूसरी- वन टू वन नहीं, ग्रुप में विधायकों से बात करें. तीसरी- राजस्थान के सीएम गहलोत के खेमे से होना चाहिए.
एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ दिल्ली में दस जनपथ पहुंच गए हैं. इसस पहले उन्होंने अपने आवास से बाहर निकलने पर पत्रकारों से बातचीत की और राजस्थान मसले पर बोलने से इंकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा है कि वे ना तो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कोई नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे हैं और ना ही अशोक गहलोत से बात करेंगे.
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन करें या नहीं, पर उनकी बगावत ने सोनिया गांधी के राजनीतिक कद को बहुत छोटा कर दिया है. अब अध्यक्ष कोई भी बने, लेकिन कमजोर गांधी परिवार के खिलाफ बगावत फिर हो सकती है. गांधी परिवार का तथाकथित ‘अजेय’ आभामंडल अब ध्वस्त हो चुका है.
सोनिया गांधी के साथ बैठक के बाद राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन बाहर निकल आए हैं. राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर अजय माकन ने कहा कि पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी ने एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जो आज रात या कल तक सौंप देंगे. मैंने और खड़गेजी ने सोनिया गांधी को सीएलपी बैठक की जानकारी दी, जिसके लिए हम राजस्थान गए थे. माकन ने कहा कि हमें हर विधायक से बात करनी थी और फिर वह रिपोर्ट सोनिया गांधी को देनी थी. विधायकों ने 3 शर्तें लगाई थी, जिसका हमने विरोध किया. हमने कहा कि यह कैसे संभव हो सकता है, क्योंकि यह हितों का टकराव है. माकन ने कहा कि कोई प्रस्ताव अगर पास किया जाता है तो उस पर शर्तें नहीं लगाई जातीं. कांग्रेस में यह परंपरा नहीं है. प्रथम दृष्टया यदि विधायक की बैठक उसी समय बुलाई जाती है जब सीएलपी बुलाई गई है, तो यह अनुशासनहीनता के दायरे में आती है.
गहलोत के करीबी और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि ED, CBI राजस्थान आ रही है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर लड़ना होगा. सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस का हर विधायक और कार्यकर्ता एकजुट है. हम सड़कों पर खून बहा सकते हैं.
कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि 'वह (गहलोत) कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हैं. अन्य नेता भी बाहर होंगे, जो 30 सितंबर से पहले नामांकन दाखिल करेंगे. अब मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल अध्यक्ष पद की रेस में चल रहे हैं. सीडब्ल्यूसी सदस्य और पार्टी के एक नेता ने ये भी कहा कि गहलोत ने जिस तरह का व्यवहार किया वह पार्टी नेतृत्व के साथ अच्छा नहीं रहा. सीनियर लीडरशिप की परेशानी बढ़ाई है.
अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हो सकते हैं बाहर, अब इन 4 नामों की चर्चा
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी दस जनपथ पहुंच गए हैं. यहां पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ बड़ी मीटिंग होने वाली है. राजस्थान के पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे भी पहुंच गए हैं. राजस्थान कांग्रेस के सीनियर नेता रामेश्वर डूडी भी दस जनपथ पहुंचे हैं. एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को भी दिल्ली बुलाया गया है.
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी और ऑब्जर्वर अजय माकन का बयान आया है. उन्होंने कहा कि हम दस जनपथ पर अपनी रिपोर्ट देने जा रहे हैं. वहां पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिलेंगे. मैं और मलिकार्जुन खड़गे मिलने जा रहे हैं. जो कुछ घटनाएं घटी हैं, उसके बारे में मैडम सोनिया गांधी को तफ्सील से जानकारी देंगे.
दौसा में मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि 102 विधायकों की राय से सीएम चुना जाए. सीएम किसी को थोपा नहीं जाए. उन्होंने कहा कि 19 अक्टूबर तक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे तब तो पद होंगे, उसके बाद सीएम का फैसला होगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ें या नहीं लड़ें. जीते या नहीं जीते, ये भी भविष्य में पता चल पाएगा. सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से किसी को भी सीएम चुन लें. अंत में उन्होंने कहा कि किसी को आश्वासन नहीं दिया है. खुद ही लाडा बनने को तैयार हो रहे हैं.
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कांग्रेस के घमासान पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी नहीं, पहेली है. कांग्रेस मुक्त भारत की ओर बढ़ रहा है. एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान में क्या हो रहा है? बता दें कि पाल पहले कांग्रेस के नेता रहे हैं.
खबर है कि दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस के नेता और पूर्व स्पीकर रामेश्वर डूडी 10 जनपथ सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे. वे यहां कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष से मुलाकात कर सकते हैं.
अशोक गहलोत गुट के विधायक और मंत्री शांति लाल धारीवाल ने कहा कि विधायक हमारे पास आ रहे हैं और इस्तीफा मंजूर करने का दबाव बना रहे हैं. कह रहे हैं कि चलो विधानसभा अध्यक्ष के पास और इस्तीफा मंजूर करो. शांति धारीवाल के बंगले पर कुछ विधायक पहुंचने की खबरें हैं. इनमें चेतन डूडी, बलजीत यादव, रफीक खान, महेंद्र चौधरी, रोहित बोहरा मौजूद हैं. गहलोत के करीबी और RTDC चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ भी बैठे हैं.
खबर है कि कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से संपर्क किया है और उन्हें दिल्ली बुलाया है. सूत्रों का दावा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन के दिल्ली लौटने पर राजस्थान कांग्रेस संकट में कमलनाथ के मध्यस्थता करवाने की संभावना है. बता दें कि कमलनाथ को अशोक गहलोत करीबी माना जाता है.
AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें राजनीति नहीं आती है. जनता के लिए काम करते हैं. स्कूल-अस्पताल बनाते हैं. वही चीजें हैं जो जनता को चाहिए, जनता को तोड़फोड़ की राजनीति पसंद नहीं आती है. हम काम की राजनीति करते हैं, इसलिए पहले दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाई. अब गुजरात में जनता कह रही है कि वहां भी AAP की सरकार बनेगी. वे (कांग्रेस) अपना घर नहीं संभाल पा रहे हैं. दोनों ही पार्टियां जोड़-तोड़ करती है. वे ये कहते रहते हैं कि केजरीवाल मुफ्त देना बंद करो. आज देशभर को उम्मीद आम आदमी पार्टी से है. मुझे विकल्प समझ नहीं आता. हमें देश को आगे ले जाना है.
राजस्थान में चल रहे सियासी जंग के बीच गहलोत खेमे की एक विधायक के दावे ने सबको चौंका दिया है. उनका कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर होनी वाली बैठक से पहले एक मंत्री के घर पहुंचने के लिए कहा गया था, जहां एक कागज पर उनसे साइन कराएगा, जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने ये भी कहा कि सचिन पायलट सीएम बनेंगे तो अच्छा रहेगा.
गहलोत खेमे की विधायक बोलीं- मंत्री के घर पता नहीं किस कागज पर कराया साइन, पायलट CM बनें तो अच्छा
अजय माकन ने अशोक गहलोत से मुलाकात नहीं की है. हालांकि, खड़गे की मुलाकात गहलोत से हुई है. उधर, माकन और खड़गे दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. वे सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और राजस्थान के सियासी संकट पर रिपोर्ट पेश करेंगे.
राहुल गांधी ने भी माकन, वेणुगोपाल और अन्य नेताओं से बातचीत की है. वेणुगोपाल आज दिल्ली पहुंच रहे हैं. वे भी सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. आज सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर अहम बैठक होगी. (इनपुट- सुप्रिया भारद्वाज)
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस आलाकमान ने मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है. कमलनाथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. बताया जा रहा है कि कमलनाथ गहलोत गुट और पायलट गुट के विधायकों के बीच मध्यस्थता करेंगे. इससे पहले भी कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के समय कमलनाथ को मुंबई भेजा था. (इनपुट- रवीश पाल)
अशोक गहलोत होटल मैरिएट में मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से मिलने पहुंच गए हैं. इस मुलाकात के बाद खड़गे और अजय माकन दिल्ली रवाना होंगे. वे यहां सोनिया गांधी को राजनीतिक हालातों पर रिपोर्ट सौंपेंगे.
कांग्रेस शांति धारीवाल और महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है. नेताओं से नोटिस के जरिए पूछा जाएगा की आपने पार्टी विरोधी काम किया , विधायक दल की बैठक के वक्त दूसरी समानांतर बैठक का क्या मतलब है?
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आलाकमान अशोक गहलोत के रवैये से खासा नाराज है. पार्टी का कहना है कि राजस्थान में सब कुछ अशोक गहलोत से पूछ कर ही किया गया था. उसके बावजूद भी जिस ढंग से यह सब तमाशा किया गया, यह ठीक नहीं है. इससे अशोक गहलोत की छवि ही खराब हुई है. पार्टी उनको अध्यक्ष बनाने की सोच रही है. ऐसे में एक मुख्यमंत्री पद को लेकर उनको ऐसा नहीं करना चाहिए. बेशक अशोक गहलोत ने इस बात को साफ किया है कि इस पूरे सियासी ड्रामे में उनका कोई हाथ नहीं है. लेकिन पार्टी आलाकमान को लगता है कि अशोक गहलोत के कहने पर यह सब हो रहा है. पार्टी को यह भी लगता है कि उनके आसपास के लोगों ने अशोक गहलोत को यह समझा दिया है कि पार्टी अध्यक्ष की बजाय मुख्यमंत्री की कुर्सी ज्यादा बड़ी है. इसलिए यह सब सियासी ड्रामा हुआ है. पार्टी पर्यवेक्षक आज दोपहर बाद दिल्ली आकर सोनिया गांधी को पूरी रिपोर्ट देंगे. (इनपुट- अशोक सिंघल)
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और सचिन पायलट खेमे के विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि जो कुछ राजस्थान में हुआ, इसके बाद बच्चा भी बता देगा कि इसके बाद अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाने की गुंजाइश नहीं बनती. सचिन पायलट पार्टी का वफादार सिपाही है. सब लोग पार्टी आलाकमान के साथ हैं. जो फैसला मुख्यमंत्री पद को लेकर लिया जाएगा. हम मानने के लिए तैयार हैं.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से राजस्थान में सियासी हालातों पर रिपोर्ट मांगी है. उधर, बताया जा रहा है कि गहलोत भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन टाल सकते हैं. सचिन पायलट इंतजार कर रहे हैं कि इस पूरे मामले में गांधी परिवार दखल दे और गहलोत के खिलाफ कोई कदम उठाए. केसी वेणुगोपाल से अशोक गहलोत से बात करने के लिए कहा गया है. (इनपुट- राजदीप सरदेसाई)
राजस्थान के जोधपुर में कई स्थानों पर 'सत्यमेव जयते, नए युग की तैयारी' लिखकर कांग्रेस विधायक सचिन पायलट की तस्वीर वाले होर्डिंग्स लगाए गए.
इतना ही नहीं अजय माकन ने कहा कि पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई गई थी. इसके समानांतर में मंत्री धारीवाल के घर पर बैठक की गई. यह प्रथम दृष्टि में अनुशासनहीनता का ही काम है. आगे देखते हैं कि उन पर क्या कार्रवाई होती है.
अजय माकन ने कहा, हमने कहा था कि हम सभी विधायकों से एक एक कर बात करेंगे लेकिन वो अड़े रहे कि हम ग्रुप्स में आएंगे. कांग्रेस की प्रथा रही है कि ऐसी स्थिति में सबसे अलग अलग बात की जाए. वहीं, विधायकों की मांग थी कि गहलोत के समर्थन में जो 102 विधायक हैं, उन्हीं में से सीएम बनाया जाए. सचिन पायलट को सीएम न बनाया जाए. हमने विधायकों से कहा कि वे उन सभी की चिंताओं को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने रखेंगे. लेकिन विधायक अपनी शर्तों पर अड़े रहे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इस तरह से शर्तों पर बात नहीं होती. हमने साफ किया था विधायकों को कि हम उनकी बात सोनिया गांधी तक पहुंचाएंगे. इसके बाद वे गहलोत से बात करेंगी और फैसला लिया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'भारत जोड़ो' में मनोरंजन कम हुआ अब राजस्थान में भी शुरू हो गया है. राज्य में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं है. कांग्रेस सिर्फ सत्ता का सुख भोगना चाहती हैं, जनता की सेवा नहीं करना चाहती. कांग्रेस में न दिशा है न नेता है.
राजस्थान में बात बनती हुई नजर नहीं आ रही है. नाराज विधायकों ने जो शर्तें रखी थीं, पार्टी आलाकमान उन्हें मानने को तैयार नहीं है. इतना ही नहीं राजस्थान पहुंचे दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज गहलोत से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वे दिल्ली लौटेंगे.
उधर, राहुल गांधी ने भी राजस्थान मामले की जानकारी ली है. उन्होंने केरल से केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा है. वेणुगोपाल दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. (इनपुट- शरत और सुप्रिया)
AICC पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों आज दिल्ली जाएंगे और शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे. नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने के लिए तैयार नहीं हैं. हाईकमान से चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को एक एक विधायक से बात करके विवाद सुलझाने के निर्देश दिए थे.
विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर देर रात तक माकन और खड़गे ने विधायकों को मनाने की कोशिश की. बात नहीं बनी और सभी विधायक अपने घर चले गए. सूत्रों के मुताबिक घर जाने से पहले विधायकों ने आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी हैं. सूत्रों ने बताया कि नाराज विधायकों का कहना है कि जब तक इस बात पर सहमति नहीं बनेगी तबतक कोई विधायक बैठक में शामिल नहीं होगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद से चर्चा थी कि गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह सचिन पायलट लेंगे. सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात भी की थी. हालांकि, सचिन पायलट को लेकर कोई ऐलान होता, उससे पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई और अशोक गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया.
राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि लोकतंत्र संख्या बल से चलता है और विधायक जिन्हें भी समर्थन करेंगे, वही राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष के घर पहुंचने को पार्टी आलाकमान की बगावत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी राजनीतिक ड्रामे के बीच, भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का संकेत दिया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट किया, इतनी अनिश्चितता तो आज भारत-आस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है. विधायकों की बैठकें अलग चल रही हैं, इस्तीफों का सियासी पाखंड अलग चल रहा है. ये क्या राज चलाएंगे, कहां ले जाएंगे ये राजस्थान को, अब तो भगवान बचाए राजस्थान को.
राजस्थान में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि राजस्थान में मौजूदा स्थिति राष्ट्रपति शासन की ओर संकेत दे रही है. उन्होंने पूछा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आप ड्रामा क्यों कर रहे हैं? कैबिनेट के इस्तीफे के बाद देर क्यों? आपको भी इस्तीफा दे देना चाहिए.
कांग्रेस-108 विधायक
बीजेपी - 70
निर्दलीय - 13
आरएलपी - 3
माकपा - 2
बीटीपी - 2
आरएलडी - 1
गहलोत गुट का दावा है कि उनके खेमे में 92 विधायक हैं. वहीं सचिन पायलट को महज 16 ही विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है. दरअसल, गहलोत गुट के कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास ने दावा किया है कि उनके साथ 92 विधायक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. इस लिहाज से आंकड़ों को देखें तो पायलट खेमे में सिर्फ 16 विधायक बचते हैं. हालांकि अभी तक पायलट गुट की तरफ से विधायकों की संख्या को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है.
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की जीत के हीरो बने सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में भी सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था. तब चर्चा थी कि पायलट अपने समर्थित विधायकों को लेकर बीजेपी में जा सकते हैं. तब दावा किया गया था कि 30 विधायक पायलट के साथ हैं. हालांकि पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद दोनों खेमे में सहमति बन गई थी.