जयपुर नगर निगम: चुनाव हो चुका था, काउंटिंग हो रही थी, एक ई-मेल आया और रद्द हो गया इलेक्शन

जयपुर में मेयर उपचुनाव की काउंटिंग तब रोक दी गई, जब राजस्थान हाई कोर्ट ने बीजेपी मेयर सौम्या गुर्जर का निलंबन रद्द कर दिया. इस आदेश का हवाला देते हुए सौम्या के वकील के ई-मेल के बाद राज्य चुनाव आयोग ने मतगणना को बीच में रोक दिया.

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जयपुर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर (फाइल फोटो) जयपुर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • जयपुर,
  • 11 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

जयपुर नगर निगम निगम में गुरुवार को मेयर के लिए पार्षदों की वोटिंग के बाद काउंटिंग चल रही थी. तभी एक ई-मेल के बाद राज्य चुनाव आयोग ने काउंटिंग रोक दी. दरअसल राजस्थान हाई कोर्ट ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर की अयोग्यता को खारिज कर दिया था. 

सौम्या गुर्जर को सितंबर में जयपुर के मेयर पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब न्यायिक जांच में उन्हें नगर निगम कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के साथ दुर्व्यवहार करने और उन्हें आधिकारिक काम से रोकने का दोषी पाया गया था. 

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हाई कोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने तकनीकी आधार पर अयोग्यता के आदेश को रद्द कर दिया कि न्यायिक जांच के बाद "अपराधी" महापौर से कोई टिप्पणी नहीं मांगी गई थी और आगे छह साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का आदेश था. ये आदेश नियमों के मुताबिक,  मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना ही पारित किया गया. हाई कोर्ट ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर की अयोग्यता खारिज करते हुए कहा कि इस पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है.

सौम्या के वकील ने किया था ई-मेल

कोर्ट के आदेश के बाद सौम्या गुर्जर के वकील ने राज्य निर्वाचन आयुक्त और रिटर्निंग ऑफिसर को ई-मेल किया और हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चुनाव प्रक्रिया रोकने की अपील की. इसके बाद आयोग की सचिव चित्रा गुप्ता ने आदेश में कहा कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम के आदेश के लिए चुनाव प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया जाए. अदालत के आदेश की प्रति मिलने के बाद आयोग इस मामले में आगे फैसला करेगा.

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बीजेपी ने हेमा सिंघानिया को बनाया था प्रत्याशी

चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और दोपहर 2 बजे संपन्न हुआ. उपचुनाव के नतीजे गुरुवार को घोषित होने वाले थे, लेकिन अदालत के आदेश के बाद मतगणना प्रक्रिया रोक दी गई. जयपुर मेयर के लिए बीजेपी ने रश्मि सैनी को अपना उम्मीदवार बनाया था जबकि कांग्रेस की ओर से हेमा सिंघानिया चुनाव लड़ रही थीं. सौम्या गुर्जर के अयोग्य घोषित होने के बाद हो रहे इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद अलग-अलग होटलों में डेरा डाले हुए हैं. 
 

 

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