गोरखपुर में मासूमों की मौत ने उन डॉक्टरों की भी कलई खोल दी है जिन्हें हम और आप भगवान से कम नहीं समझते. गोरखपुर के बच्चे इलाज के अभाव में दम तोड़ते रहे और यहां के सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस से अपनी तिजोरियां भरते रहे. अस्पताल में बच्चों की मौत सिर्फ ऑक्सीजन की कमी से नहीं बल्कि डॉक्टरों के दिलोदिमाग में ईमान और ड्यूटी से वफादारी की कमी से भी हुई है.