मैं भाग्य हूं में आज अमेरिका की कहानी. यहां एक युवक को व्यापार में बहुत नुकसान उठाना पड़ा जिससे वह कर्जदार हो गया. एक दिन वो पार्क में बैठा अपनी परिस्थिति का चिंतन कर रहा था. उनके पास एक बुजुर्ग पहुंचे और उनकी परेशानी की वजह पूछी. बुजुर्ग ने उसे 10 लाख डॉलर दे दिए और कहा कि एक साल बाद ये कर्ज चुका देना. इसके बाद जब वो घर आया तो उसने सोचा कि एक अपरिचित ने उस पर इतना भरोसा किया है तो फिर वह खुद क्यों भरोसा नहीं कर रहा है. इसके बाद उसने जमकर परिश्रम करने का फैसला किया और अपने दम पूरा कर्ज उतारा. कर्म में विश्वास रखने वाली ये दिलचस्प कहानी सुनिए मैं भाग्य हूं के आज के एपिसोड में...
One who believes in his fate and sits idle thinking that if he is lucky he will succeed and takes easy ways to get things done can never come up in life. Infact, luck favours only those who help themselves. We have the similar motivational story today in Main Bhagya Hoon episode.