यह संसार मोह माया है और इसी मोह मास में फंसे हैं तमाम लोग लालच और मोह का प्रभाव इंसान को कंजूस बना देता है. फिर वही होती है. ना माया मिल पाती है ना मिल पाते हैं राम भला ऐसे कर्म का क्या फायदा जिसका कोई अर्थ ना हो. ऐसे धन का क्या फायदा जिसका इस्तेमाल सद कर्म में ना हो.