एनआई की विशेष अदालत ने हैदराबाद में 2007 में मक्का मस्जिद में हुए ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद समेत पांच आरोपियों को बरी कर दिया. हालांकि फैसला सुनाने के थोड़ी देर बाद ही जज ने इस्तीफा दे दिया. इस बीच इस पर राजनीतिक तू तू मैं मैं भी शुरू हो गई. लेकिन सबसे अहम सवाल है कि जब कोई गुनहगार है ही नहीं तो उस धमाके में 9 लोगों की जान ली किसने?