विश्वास तो ठीक है अंधविश्वास नहीं. लेकिन पीएम मोदी की इस सबक को न तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने याद रखा और न ही अध्यक्ष अमित शाह ने. इसीलिए जब राजनाथ सिंह की समझदारी पर सवाल उठाए जाने लगे तो आगे बढ़कर खुद अमित शाह ने बचाव किया. लेकिन असल सवाल दूसरा है. अगर वाकई नींबू से नजर उतर जाती है तो भारत सड़क हादसों का देश क्यों बन गया है?