सैयारा एक कल्ट मूवी है या इसका हिट होना संयोग के साथ एक प्रयोग है?

काफी दिनों से फिल्मों में गानों का महत्व खत्म किया जा रहा था. इसका सबसे बड़ा उदाहरण था कि फिल्म का सबसे अच्छा गाना फिल्म के खत्म होने के बाद दिखाया जाने लगा था. मतलब कहानी और गानों की जो तारतम्यता होती थी उसे मारने की कोशिश हो रही थी. पर सैयारा ने बॉलिवुड को यह बता दिया कि हम हालीवुड नहीं है. हमारा असल यही है कि हम कहानी को गानों के साथ आगे बढ़ाते हैं.

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फिल्म सैयारा के पोस्टर में अहान-अनीत फिल्म सैयारा के पोस्टर में अहान-अनीत

संयम श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

बहुत दिनों बाद ऐसा हुआ है जब घर-ऑफिस या बाजार में किसी हिंदी मूवी का टाइटल सॉन्ग लोग गुनगुनाते हुए मिल रहे हैं. सैयारा तूं तो बदला नहीं है..  मौसम जरा सा रूठा हुआ है... इस सुंदर सी बोल वाली मीठी धुन आपके कानों के आस पास से भी जरूर गुजर रही होगी. अगर आप जरा भी हिंदी फिल्मी गानों के शौकीन रहे हैं तो आप इसे सुनकर रोमांचित हो सकते हैं. हालांकि इस मूवी को नई जेनरेशन की मूवी कहा गया पर इस फिल्म के संगीत में पिछले 4 दशकों की झलक है. फिल्म के सुपरहिट होने के पीछे इस फिल्म का म्यूजिक ही है जिसके चलते हर आयु वर्ग के लोगों को यह फिल्म पसंद आ रही है.

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क्या सैयारा क्या एक कल्ट मूवी है? 

सैयारा के बारे में इतनी चर्चा हो चुकी है कि हर किसी को इस फिल्म के बारे जानने की उत्सुकता है. हर शख्स दूसरे शख्स से ये पूछता हुआ मिल जाता है कि क्या आपने सैयारा देखी? अगर देखी तो आपको कैसी लगी? अगर अच्छी लगी तो क्यों अच्छी लगी?  टीवी, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर इसके बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा है. टीवी चैनलों पर इसे लेकर प्रोग्राम बन रहे हैं तो हर मशहूर पॉडकास्ट में इसकी चर्चा जरूर होती है. हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इस फिल्म में क्या है जो नई जेनरेशन थियेटर में रोते हुए नजर आ रहे हैं. थिएटरों में रोते हुए दर्शकों पर हर रोज नए मीम्स आ रहे हैं. सवाल उठता है कि अगर इस मूवी की इतनी ही चर्चा है तो क्या मान लिया जाए कि यह फिल्म बॉबी , एक दूजे के लिए, दिल वाले दुलहनियां ले जाएंगे आदि की तरह एक कल्ट मूवी है या यूं ही संयोग से कोई मार्केट में कोई बड़ी मूवी नहीं थी उसका फिल्म को बेनिफिट मिल गया.

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क्यों कि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो यह कह रहे हैं कि फिल्म में कुछ नहीं है. आरोप यहां तक लग रहे हैं कि फिल्म हिट कराने के लिए एक स्ट्रैटेजी के तहत जेन जी के बीच रोने वाली बात फैलाई गई है. पर क्या एक कमजोर मूवी को बढ़िया पीआर के बल पर हिट काराया जा सकता है? अगर ऐसा होता तो यश राज और करण जौहर की हर फिल्म हिट होती. सैयारा बहुत बड़ी हिट फिल्म साबित हो चुकी है. इसलिए इस फिल्म के इतनी बड़ी हिट होने का असली कारण ढूंढना व्यर्थ है? हां, यह सवाल जरूर बनता है कि सैयारा का हिट होना क्या एक चांस है या यह दर्शक एक कल्ट मूवी देख रहे हैं, जिसकी चर्चा आज के कई दशकों के बाद भी होती रहेगी?

कोई भी मूवी कल्ट मूवी तभी बनती है जब उसके डॉयलाग , उसके किरदार , उसके गाने , फिल्म कहानी के कुछ ऐसे सीन जो वर्षों तक दर्शकों के जेहन में हमेशा के लिए जगह बना लेते हैं. शोले का नाम लेते ही गब्बर, ठाकुर, जय और वीरू, बसंती, मौसी और न जाने कितने किरदार एक सांस में याद आ जाते हैं. इसी तरह फिल्म के डॉयलाग और सींस की चर्चा आज भी लोगों के जेहन में ताजा होती है. रोमांटिक कल्ट फिल्मों में बॉबी, एक दूजे के लिए, दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे आदि के चरित्र, म्जूजिक, संवाद,किरदार जैसे हमारे दिमाग में रच बस गए हैं. हम चर्चा कर रहे हैं कि क्या सैयारा में भी ऐसा कुछ है जो हमें बरसों बरस याद रहेगा?

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18 जुलाई 2025 को रिलीज़ हुई, मोहित सूरी के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक संगीतमय रोमांटिक ड्रामा है.अहान पांडे और अनीत पड्डा जैसे नए चेहरे मुख्य भूमिकाओं में हैं इसके बावजूद लोगों को इनकी एक्टिंग पसंद आ रही है. बॉक्स ऑफिस पर 428 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिलना इसका सबूत है. फिल्म के कुछ डॉयलॉग जो इसे यादगार मूवी बनाते हैं... बहुत दिनों बाद दर्शकों को एक काव्यात्मक प्रेम कहानी देखने को मिली है. फिल्म के संवाद और गाने कहानी में रच बस गए हैं. जो एक किसी भी फिल्म को यादगार मूवी बनाते हैं.

---'सैयारा… मतलब तारों में एक तनहा तारा, खुद जल के रोशन कर दे ये जग सारा… और वो तुम हो मेरे सैयारा!'  यह पंक्ति प्यार को बलिदान और प्रकाश के रूप में प्रस्तुत करती है, जो दर्शकों को जोड़ती है.

---' मेरा ना होना, तुम्हारे बड़े बनने की वजह बनेगा.'  वाणी का यह पत्र कृष को दिखाता है कि उसकी अनुपस्थिति कृष के सपनों को पूरा करेगी. इसकी भावनात्मक तीव्रता इसे बार-बार याद करने लायक बनाती है.

---'तुम्हारे साथ बिताए ये कुछ पल… मेरी पूरी जिंदगी से ज्यादा कीमती हैं.'  सादगी और गहराई से भरा यह डायलॉग सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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फिल्म की आलोचना यह कहकर की जा रही है कि सैयारा 'ए मोमेंट टू रिमेंबर' से प्रेरणा लेकर बनाई गई है. पर दुनिया के ढेर सारी महान फिल्में एक दूसरी फिल्म से प्रेरणा लेकर ही बनती हैं. शोले भी  अकीरा कुरुसोवा की महान सेवन समुराई से इंस्पायर्ड थी. मुगलेआजम भारत में ही बनी अनारकली से इंस्पायर्ड थी.

क्या सैयारा का हिट होना महज एक संयोग है?

बहुत समय से ऐसा देखा जा रहा था कि बॉलिवुड कॉमेडी, हॉरर कॉमेडी, एक्शन, स्पाई थ्रिलर पर ही भरोसा कर रहा था.सीधी सादी रोमांटिक फिल्म को देखे तो जैसे जमाना हो गया था.रोमांटिक कॉमेडी फिल्में खूब बन रही थीं और ठीक ठाक बिजनेस भी कर रही थीं.इस बीच एक शुद्ध प्रेम कथा थिएटर में लंबे समय से नहीं आई थी. अहान पांडे और अनीत पड्डा की नई जोड़ी ने उत्सुकता पैदा की. थिएटरों में नई पीढ़ी के रोने बिलखने वाले वीडियो वायरल होना, दर्शकों की माउथ पब्लिसिटी ने इस फिल्म के आसपास हाइप क्रिएट किया कि फिल्म एक बड़ी हिट बन गई.

इसके साथ ही गाने और कहानी का इमोशनल मेल ही फिल्म का सबसे बड़ा USP बना. अगर कंटेंट कमजोर होता, तो सोशल मीडिया ट्रेंड भी फिल्म को इतनी बड़ी हिट नहीं करा पाता. फिल्म सिर्फ मेट्रो सिटी में नहीं, बल्कि छोटे शहरों में भी जम कर बिजनेस की है. ऐसा संयोग से नहीं होता है. बिना भारी-भरकम मार्केटिंग के 400 करोड़ से ऊपर की कमाई करना बताता है कि फिल्म अच्छी बनी है और लोगों को पसंद आ रही है.

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क्या यह ट्रेंडसेटर बनेगी?

सैयारा में कई ऐसी चीजें हैं जो भविष्य में बॉलिवुड फॉलो करेगा.  बिना स्टार पावर के चार सौ करोड़ की कमाई ने साबित किया कि एक फिल्म को हिट कराने के लिए स्टार पावर की जरूरत नहीं है. एक अच्छी कहानी को अच्छे संगीत से सजाकर कम खर्च में भी सफलता पाई जा सकती है. जाहिर है आने वाले दिनों में इस तरह के कई और प्रोजेक्ट आएंगे. कॉम्बिनेशन परफेक्ट हो तो नये लड़के-लड़कियां भी बॉक्स ऑफिस पर छा सकते हैं.

काफी दिनों से फिल्मों में गानों का महत्व खत्म किया जा रहा था. इसका सबसे बड़ा उदाहरण था कि फिल्म का सबसे अच्छा गाना फिल्म के खत्म होने के बाद दिखाया जाने लगा था. मतलब कहानी और गानों की जो तारतम्यता होती थी उसे मारने की कोशिश हो रही थी. पर सैयारा ने बॉलिवुड को यह बता दिया कि हम हालिवुड नहीं है. हमारा असल यही है कि हम कहानी को गानों के साथ आगे बढ़ाते हैं. हमारे दर्शकों को दशकों से यही पसंद आता रहा है और आगे भी यही पसंद आने वाला है. 

नई जेनरेशन की पसंद को समझना

हमने ये मान लिया था कि नई जेनरेशन को पुरानी तरह के गाने, दिल टूटने वाले गाने, slow-burn, emotional और soulful म्यूजिक नहीं चाहिए. बॉलिवुड उन्हें समझने की भूल कर रहा था.नई जेनरेशन अपनी पुरानी पीढ़ी से अधिक भावुक है. आने वाली कहानियों में यह और भी अधिक देखने को मिलेगा. कहानी की नायिका हिंदी  देवनागरी में कविताएं लिखती है. नायिका की सादगी उसका जींस और कुर्ता पहनना ही पसंद आ रहा है.कहीं न कही हमारी जवान होती पीढ़ी को राजश्री प्रोडक्शन वाली फिल्मों के जैसे नायक और नायिका ही पसंद आ रहे हैं.

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